धनु राशि में इस समय सूर्य देव गोचर कर रहे हैं. सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, तो इस राशि परिवर्तन को मकर संक्रांति कहा जाता है.
पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. धनु राशि से सूर्य देव निकल कर मकर राशि में इस दिन प्रवेश करेंगे. इस दिन सूर्य देव की उपासना की जाती है.
पौष माह चल रहा है. मकर संक्रांति पौष मास का प्रमुख पर्व है. इस दिन माघ मास का आरंभ होता है. इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा पाठ, स्नान और दान के लिए सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 तक पुण्य काल रहेगा.
मकर संक्रांति पर मकर राशि में कई महत्वपूर्ण ग्रह एक साथ गोचर करेंगे. इस दिन सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. जोकि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं. इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है.
इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, यदि पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर में जिस जल से स्नान करें उसमें गंगाजल की कुछ बूंदें मिला लें. स्नान के बाद पूजा आरंभ करें. सूर्य देव समेत सभी नव ग्रहों की पूजा करें. इसके बाद जरूरतमंदों को दान दें. इस पर्व पर खिचड़ी का सेवन करना भी उत्तम माना गया है. इसलिए इस पर्व को खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. खिचड़ी का दान भी किया जाता है.
मकर संक्रांति पर मन में अच्छे विचार रखने चाहिए और दान पुण्य के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए. इस दिन किया गया दान कई गुणा लाभ प्रदान करता है. मकर संक्रांति पर बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए, पिता का आर्शीवाद लेना चाहिए. ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन पतंग भी उड़ाने की कहीं कहीं परंपरा है.