Close

समलैंगिक विवाह को ‘कानूनी मान्यता’ के मुद्दे पर आज SC में सुनवाई , कोर्ट के बहार यूनाइटेड हिंदू फ्रंट का विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट थोड़ी ही देर में सुनवाई करेगा. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष जय भगवान गोयल और संगठन के कार्यकर्ता समलैंगिक जोड़ों के विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के बाहर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आपको बता दें क‍ि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 ,हिंदू मैरिज एक्ट 1955 और फॉरेन मैरिज एक्ट 1969 के तहत अपने विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग करने वाले कई समलैंगिक जोड़ों की 8 याचिकाएं देख के विभिन्न उच्चन्यायालयों के समक्ष लंबित हैं. इन्हें सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए भी एक याचिका दायर की गई है, जिस शीर्ष अदालत आज सुनवाई करेगी.

मामले पर पिछली सुनवाई 14 दिसंबर, 2022 को हुई थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मान्यता देने की नई याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इससे पहले 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक और समलैंगिक जोड़े की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और 4 सप्ताह में जवाब मांगा था. याचिकाकर्ताओं के वकील आनंद ग्रोवर ने यह कहते हुए इस मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग करने की मांग की थी कि इस केस में कई लोग रुचि रखते हैं. उनकी मांग पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि जब सुनवाई होगी तो हम इस पर विचार करेंगे. LGBTQ एक्टिविस्ट्स का कहना है कि सेक्स के आधार पर सेम सेक्स मैरिज को कानूनी दर्जा न देना लैंगिक भेदभाव तो है ही, यह गरिमा के साथ जीने के अधिकार के भी विरुद्ध है. इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का भी उल्लंघन होता है.

क्या है सेम जेंडर मैरिज?
सेम जेंडर मैरिज, सेम सेक्स मैरिज या हिंदी में कहें तो समलैंगिक विवाह. इस तरह के विवाह में लड़की अपनी पसंद की लड़की से या लड़के अपने पसंद के लड़के को अपना जीवनसाथी चुनते हैं. भारत में फिलहाल इस तरह की शादियों के लिए किसी तरह का कानूनी प्रावधान नहीं है. हालांकि, इस तरह के रिश्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि संबंध रखे जा सकते हैं, अगर दोनों पार्टनर की रजामंदी हो तो. दुनिया के 32 देश ऐसे हैं, जो अपने यहां समलैंगिक विवाहों को मान्यता दे चुके हैं. नीदरलैंड ने 1 अप्रैल, 2000 को सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता दी थी और ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना था. सेम जेंडर मैरिज को मान्यता देने वाले ज्यादातर देश यूरोपीय या दक्षिण अमेरिकी हैं.

 

scroll to top