कोविड-19 के अब तक सामान्य लक्षण बुखार, खांसी और मांसपेशियों में दर्द होना माना जाता है. इनसे हमें संक्रमण के टाइप और गंभीरता का संकेत भी मिल जाता है. इसके अलावा संक्रमण के कुछ अन्य संकेत खतरनाक भी हो सकते हैं, लेकिन अक्सर इन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. उदाहरण के तौर पर पैर की उंगलियों पर चकत्ते यानी रैशेज होना.
रैशेज को हालांकि आसानी से एक सामान्य दाने या एलर्जी के संकेत के रूप में खारिज किया जा सकता है लेकिन असामान्य रैशेज, रेडनेश और बंप्स अक्सर गंभीर कोविड -19 का संकेत हो सकते हैं.कोविड-19 के त्वचा के लक्षणों वाले लगभग 6 में से 1 रोगी को अस्पताल में अच्छी देखभाल की आवश्यकता होती है. वहीं कई अन्य को ठीक होने के हफ्तों और महीनों का समय लग जाता है. इसलिए ये हल्के में लिए जाने वाले लक्षण नहीं हैं. अध्ययनों से यह भी पता चला है कि चकत्ते और ददोड़ों भी यंग चिल्ड्रेन में संक्रमण के प्रमुख लक्षण हैं, जो वयस्कों की तुलना में अलग लक्षण दिखाते हैं.
कोविड-19 से संक्रमित कई लोगों में वायरस नसों और धमनियों में फैल सकता है और सूजन पैदा कर सकता है, जो त्वचा पर दिखाई देता है. इस सूजन के परिणामस्वरूप चकत्ते हो सकते हैं, जिन्हें कई बार लाल दाने, खुजली और ददड़ों का स्पोट माना जा सकता है.
यंग चिल्ड्रेन और छोटे बच्चों में धब्बेदार या खुरदरी त्वचा पैरों, हाथों, पेट या पीठ दिख सकती है. ददोड़ों के साथ रेडनेस स्किन भी ब्लड प्रेशर के स्तर में परिवर्तन और शरीर में ऑक्सीजन के फ्लो के कारण हो सकती है. यह अत्यधिक ठंड लगना और कंपकंपी का रिजल्ट भी हो सकता है, जो बुखार के साथ होता है.
पैर की उंगलियों पर कोविड-19 का पहले बच्चों में पता चला और अब वयस्कों में भी एक आम संकेत है. वायरल फैलने के कारण शरीर में सूजन के परिणामस्वरूप पैर की उंगलियों में सूजन, घाव हो सकता है. सूजन के साथ ही इससे फफोले भी हो सकेत हैं और खुजली, दर्द का कारण बन सकता है.
कोरोना वायरस से संक्रमित कई लोगो में यह सामने आया है कि इससे होंठों में भी घाव हो सकते हैं. संक्रमण के दौरान होंठ ड्राई, पपड़ीदार हो सकते हैं और मुंह के अंदर भी घाव फैल सकता है. संक्रमण के साथ स्किन ड्राईनेस और फफोले सबसे ज्यादा हो सकते हैं.ड्राई लिप्स तब भी हो सकते हैं जब आप डिहाइड्रेट होते हैं या रिकवरी के दौरान पर्याप्त न्यूट्रेशन नहीं मिल रहे हों. होंठों पर नीले रंग का टिंट होना भी ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है. यह एक संकेत का काम कर सकता है.
स्टडी सामने आया है पहले से श्वांस संबंधी बीमारी, मोटापे और अधिक आयु जैसी मेडिकल कंडीशन वाले लोगों में लंबे समय तक कोविड-19 होने की रिस्क रहती है. इसके साथ ही कोविड -19 से रिकवर होने वाले डायबिटीज पैशेंट्स को भी अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि उनमें स्किन इंफेक्शन की रिस्क अधिक होती है.