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निर्मला सीतारमण की तरफ से लोकसभा में पेश बजट पर क्या बोले पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया. हालांकि, इसमें मध्यम वर्गीय परिवारों को कोई खास राहत तो नहीं मिली, लेकिन इसे अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर बताया जा रहा है. लेकिन, विपक्ष की तरफ से बजट को लेकर सरकार पर जोरदार निशाना साधा जा रहा है. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक बार फिर साबित कर दिया कि केंद्रीय बजट की सेल्फ लाइफ 24 घंटे से अधिक नहीं होती है.

बजट पर क्या बोलीं निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि महामारी के दौरान सरकार ने बड़े स्तर पर खर्च को पूरा करने के लिये अतिरिक्त कोष एकत्रित करने को कोई कर नहीं बढ़ाया है. बजट में मध्यम वर्ग को आयकर बोझ से राहत नहीं मिलने के सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. सीतारमण ने अपने चौथे बजट में न तो कर स्लैब में कोई बदलाव किया और न ही मानक कटौती की सीमा बढ़ायी. मुद्रास्फीति में तेजी और महामारी के मध्यम वर्ग पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि वित्त मंत्री कर के मोर्चे पर कुछ राहत देंगी.

बजट बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘अगर कर बढ़ाने को लेकर कोई आशंका थी, हमने वह नहीं किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह (आयकर दर बढ़ाना) पिछले साल भी नहीं किया….मैंने कर बोझ के जरिये एक रुपया भी अतिरिक्त नहीं लिया.’’ सीतारमण ने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया था कि कोविड-19 के दौरान राजकोषीय घाटा चिंता का विषय नहीं होना चाहिए और महामारी के दौरान अतिरिक्त कर बोझ नहीं होना चाहिए. मंगलवार को पेश बजट में व्यक्तिगत आय पर मानक कटौती 50,000 को रुपये पर बरकरार रखा गया है. साथ ही कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी कर की दर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिये रियायती 15 प्रतिशत कर दर की अवधि बढ़ायी गयी है. सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम), सस्ते मकान, पासपोर्ट को सुगम बनाने के उपायों की घोषणा आदि से आखिरकार मध्यम वर्ग को ही लाभ होगा.

 

 

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