केन्द्र सरकार ने किसान नरसंहार से संबंधित सामग्री, खाते हटाने के अपने आदेश का अनुपालन करने के लिए ट्विटर को नोटिस जारी किया, सूत्रों के मुताबिक़ सरकार ने साफ़ के दिया है कि आदेश का पालन नहीं कारने पर कड़ी क़ानूनी करवाई की जाएगी. #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ कंटेंट ट्विटर पर पोस्ट किया गया था, जिसे इन्फ्लेशन पैशन, नफरत और बहुत गलत तरीके से अफ़वाह फैलाने वाला और भड़काऊ बनाया गया था.
यह समाज में दुर्व्यवहार, उत्पीड़न और तनाव पैदा करने के लिए प्रेरित अभियान माना जा सकता है, ये अभियान नरसंहार को प्रोत्साहन देने वाला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, यह कानून और व्यवस्था के लिए खतरा पैदा करता है. दिल्ली ने गणतंत्र दिवस पर जो हिंसा देखी थी, उसको देश दोबारा नहीं देख सकता है. ट्विटर एक मध्यस्थ है और वे सरकार के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य हैं, ऐसा करने से इनकार करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी.
सूत्रो के मुताबिक़ सरकार ने नोटिस में आधा दर्जन से अधिक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को संवैधानिक बेंचों के फ़ैसलों को उद्धृत किया गया है कि सार्वजनिक व्यवस्था क्या है और अधिकारियों के अधिकार क्या हैं. ट्विटर एक मध्यस्थ होने के नाते सरकार के अनुसार निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य है, क्योंकि भड़काऊ सामग्री शान्ति और व्यवस्था को प्रभावित करेगी.
ट्विटर अदालत की भूमिका नहीं निभा सकता है और आदेश ना मानने के लिए किसी भी का औचित्य को सही साबित नहीं कर सकता, सरकारी आदेशों का अनुपालन नहीं करने के लिए ट्विटर फेस फेस पेनल एक्शन लिया सकता है. सरकार ने साफ़ के दिया है कि अगर ट्विटर ने सरकार के आदेश का पालन नहीं किया तो उस पर क़ानूनी करवाई की जाएगी.