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सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए लॉन्च किया ‘भारत राइस’, 29 रुपए किलो के भाव से मिलेगा चावल

New Delhi, Feb 06 (ANI): Vehicles containing Bharat Brand Rice parked during its launch at Kartavya Path, in New Delhi on Tuesday. (ANI Photo/ Sanjay Sharma)

 

नेशनल न्यूज़। सरकार ने पिछले एक साल में चावल की खुदरा कीमतों में 15 प्रतिशत की वृद्धि के बीच उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए मंगलवार को 29 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर ‘भारत चावल’ की पेशकश की। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने पांच किलो और 10 किलो के पैक में उपलब्ध सब्सिडी वाले चावल को पेश करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि आम लोगों के लिए दैनिक खाद्य पदार्थ सस्ती दरों पर उपलब्ध हों।
गोयल ने कहा, ‘‘जब थोक हस्तक्षेप (कीमतों को नियंत्रित करने के लिए) से अधिक लोगों को लाभ नहीं मिल रहा था, तो मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत खुदरा हस्तक्षेप शुरू किया गया था।” उन्होंने कहा कि खुदरा हस्तक्षेप के हिस्से के रूप में, मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं और गरीबों को राहत देने के लिए चावल को ‘भारत ब्रांड’ के तहत 29 रुपए प्रति किलोग्राम पर खुदरा बेचा जाएगा। प्रत्येक किलो ‘भारत चावल’ में पांच प्रतिशत टूटा चावल मिला होगा। गोयल ने कहा कि सरकार के प्रयासों से पहले ही टमाटर और प्याज की कीमतों को तेजी से नीचे लाने में मदद मिली है। मंत्री ने कहा, ‘‘जब से हमने ‘भारत आटा’ बेचना शुरू किया है, पिछले छह महीनों में गेहूं की मुद्रास्फीति शून्य रही है। वही प्रभाव हम चावल में देखेंगे।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मध्यम वर्ग के लोगों की थाली में जाने वाली वस्तुओं की कीमतें काफी स्थिर हैं। गोयल ने कहा, ‘‘सरकार रोजमर्रा की जरूरी चीजों को किफायती दर पर उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय है।” उन्होंने 100 मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई जो ‘भारत चावल’ बेचेंगी और पांच लाभार्थियों को पांच किलो के पैक भी वितरित किए। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) प्रथम चरण में दो सहकारी समितियों – नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया (एनसीसीएफ) के साथ-साथ खुदरा श्रृंखला- केंद्रीय भंडार को पांच लाख टन चावल प्रदान करेगा।

ये एजेंसियां चावल को पांच किलो और 10 किलो के पैक में पैक करेंगी और ‘भारत’ ब्रांड के तहत अपने बिक्रीकेन्द्र के माध्यम से खुदरा बिक्री करेंगी। चावल को ई-कॉमर्स मंच के जरिये भी बेचा जाएगा। खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के माध्यम से समान दर पर थोक उपयोगकर्ताओं को चावल की बिक्री के लिए फीकी प्रतिक्रिया मिलने के बाद सरकार ने एफसीआई चावल की खुदरा बिक्री का सहारा लिया है। सरकार को उम्मीद है कि ‘भारत चावल’ के लिए भी उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, जैसी उसे ‘भारत आटा’ के लिए मिल रही है, जो उन्हीं एजेंसियों के माध्यम से 27.50 रुपए प्रति किलोग्राम और ‘भारत चना’ 60 रुपए प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए, गोयल ने कहा कि उन्होंने ‘भारत दाल’ और ‘भारत आटा’ का उपयोग करना शुरू कर दिया है, और ये दोनों स्वादिष्ट हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अब, मैंने ‘भारत चावल’ खरीदा है। यह भी अच्छी गुणवत्ता का होगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या चावल की औसत कीमत के संबंध में सटीक विश्लेषण किया गया है क्योंकि बाजार में कई किस्में हैं, गोयल ने कहा, ‘‘सही ढंग से विश्लेषण किया गया है… यह एक सक्रिय सरकार है।” निर्यात पर प्रतिबंध और वर्ष 2023-24 में बंपर उत्पादन के बावजूद चावल की खुदरा कीमतें अभी भी नियंत्रण में नहीं हैं। सरकार ने जमाखोरी रोकने के लिए खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं, प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसरों) और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं से अपने स्टॉक का खुलासा करने को कहा है। उपभोक्ता मामलों की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और अश्विनी चौबे, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा सहित अन्य लोग चावल की पेशकश करने के अवसर पर उपस्थित थे।

 

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