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सपा नेता अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता हुई रद्द,दूसरी बार गई विधायकी

उप्र। सपा नेता अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता आज रद्द कर दी गई है. इससे पहले भी अब्दुल्ला आजम की विधायकी छिन चुकी है. रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा से अब्दुल्ला आजम विधायक हैं. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की गई थी. विधानसभा सचिवालय के तरफ से अधिसूचना जारी कर बताया गया की स्वार टांडा सीट रिक्त कर दी गई है. अब चुनाव आयोग इस सीट पर दोबारा चुनाव कराएगा.अब्दुल्ला आजम खान पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले के स्वार विधानसभा क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.

वहीं, मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने सोमवार को 15 साल पुराने मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाई, जबकि मामले में सात लोगों को दोषमुक्त कर दिया था. इससे पहले भी अब्दुल्ला आजम की विधायकी छिन चुकी है. तब यह फर्जी प्रमाणपत्र को लेकर उन पर कार्रवाई हुई थी. फर्जी प्रमाणपत्र मामले में उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा हुई थी. इस पर उनकी विधायकी छिनी गई थी.

जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध) नितिन गुप्ता ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस से हुए विवाद में आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एक मामले में यहां की एमपी/एमएलए कोर्ट की न्यायाधीश स्मिता गोस्वामी ने सोमवार को आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को दो-दो साल की सजा और तीन-तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.

विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल बिश्नोई ने बताया कि 2008 छजलैट प्रकरण में एमपी/ एमएलए कोर्ट ने अपने फैसले में धारा 341 में एक महीना सजा और 300 रुपये का जुर्माना, धारा 353 में दो साल की सजा और दो हजार रुपये जुर्माना जबकि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम की धारा-7 में छह महीने की सजा और 500 रुपये का जुर्माना लगाया है. ये सभी सजा एक साथ चलेंगी.

वहीं, दूसरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता शाहनवाज हुसैन ने बताया कि अदालत में जमानत की अर्जी दी गई थी, जिसे स्वीकार करते हुए अदालत ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को जमानत दे दी.

यह है मामला
बता दें कि 29 जनवरी 2008 को समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के काफिले को जांच के दौरान रोके जाने को लेकर आजम खान नाराज हो गए. इसके बाद वह हरिद्वार राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए और हंगामा किया. पुलिस ने आरोप लगाया था कि आसपास के जिलों से भी सपा नेता के समर्थन में मौके पर काफी लोग पहुंच गए थे, जिससे हरिद्वार मार्ग पर जाम लग गया और यातायात व्यवस्था ठप हो गई थी. इस मामले को लेकर छजलैट थाना पुलिस ने आजम खान समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, तब से लेकर अभी तक मामले की सुनवाई चल रही थी.

 

 

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