रायपुर। जांजगीर जिले के कलेक्टर यशवंत कुमार कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. वो 2007 बैच के आईएएस अफसर है. कलेक्टर ने खुद के संक्रमित होने की जानकारी ट्विटर पर साझा की है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि बीते दिनों जो भी उनके संपर्क में आया हो, कोरोना जांच करा लें.
ताजुब्ब की बात यह है कि कलेक्टर यशवंत कुमार कोरोना वैक्सीन के दो टीका लगवा चुके हैं. सबसे पहला टीका उन्होंने 8 फरवरी को लगवाया था. उसके ठीक एक महीने बाद दूसरा डोज 8 मार्च को लगवाया. वैक्सीन टीका लगवाने के ठीक तीसरे यानी 11 मार्च को कलेक्टर कोरोना पॉजिटिव मिले हैं.
कलेक्टर यशवंत कुमार ने गुरुवार को कोरोना टेस्ट कराया. उनका टेस्ट एंटीजेन किट से हुआ है. कलेक्टर के संक्रमित मिलने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. परिवार के लोग भी सकते में आ गए, कि ऐसा कैसे हो सकता है. ऐहतियात परिवार के सभी सदस्यों का भी कोरोना सैंपल लिया गया. उन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है. हालांकि कलेक्टर यशवंत कुमार में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं है. उन्हें होम आइसोलेशन पर रखा गया है.
जांजगीर जिला अस्पताल के टीकाकरण सेंटर में कलेक्टर ने कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया था. कलेक्टर ने कहा था कि कोरोना का टीका पूरी तरह सुरक्षित है. इससे डरने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना से बचाव के लिए यह टीका वरदान है. उन्होंने लोगों से अपील कर कहा था कि पात्र हितग्राही अधिक से अधिक संख्या में टीकाकरण केंद्र में आकर टीका लगवा सकते हैं. कोविड से सुरक्षा के लिए यह टीका वरदान है. लेकिन कलेक्टर के लिए यह टीका वरदान साबित नहीं हुआ, बल्कि वो खुद संक्रमित हो गए.
कोरोना डेथ रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुभाष पांडे ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के दो डोज पूरा होने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता बन जाता है. हर किसी का शरीर अलग होता है. शरीर जितना जल्दी रिस्पांस करता है. खतरा उतना कम होता है. वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. संक्रमण माइल्ड हो सकता है.
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या कोरोना वैक्सीन संक्रमण रोकने में प्रभावी नहीं है ? क्या वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों को कोरोना होगा ? क्योंकि इसके प्रत्यक्ष उदाहरण कलेक्टर हैं.