नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा और उपासना की जाती है. नवरात्रि के पर्व में नियम, अनुशासन और मुहूर्त का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि नियमों को पालन और विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है. मां दुर्गा सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाती है.
पंचांग के अनुसार नवरात्रि का पर्व इस वर्ष 13 अप्रैल को मनाया जाएगा. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी. इस दिन अश्विनी नक्षत्र और विश्कुंभ योग रहेगा. इसी दिन घटस्थापना की जाएगी. चैत्र नवरात्रि का समापन 22 अप्रैल 2021 को किया जाएगा.
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. चैत्र नवरात्रि में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा का विधान है.
चैत्र नवरात्रि की पूजा में कलश स्थापना को महत्वपूर्ण माना गया है. कलश यानि घटस्थापना से ही नवरात्रि के व्रत और पूजा आरंभ हो जाती है. नवरात्रि के पहले दिन विधि पूर्वक कलश की स्थापना की जाने की परंपरा है. पंचांग के अनुसार 13 अप्रैल 2021 को घटस्थापना की जाएगी.
नवरात्रि में घटस्थापना को विधि पूर्वक ही स्थापित करना चाहिए तभी नवरात्रि की पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है. इसके लिए कुछ जरूरी चीजों की अवश्यकता पड़ती है-
चौकी
चौड़े मुख वाला मिट्टी का पात्र
मिट्टी का कलश
सात प्रकार के अनाज
स्वच्छ मिट्टी
जल
गंगाजल
कलावा
आम या अशोक के पत्ते
जटा नारियल
सुपारी
चावल
फूल
फूलों की माला
लाल वस्त्र
मिष्ठान
कलश की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए. इसके लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज को मां दुर्गा का स्मरण करते हुए बोएं. इसके बाद इस पात्र के ऊपर कलश की स्थापना करें. कलश में जल और गंगाजल को मिलाकर भर दें. कलश पर कलावा बांधें. कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रख दें. इसके उपरांत जटा नारियल में कलावा को बांध दें. लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रखें. सभी देवी देवताओं का आह्वान करें.
घटस्थापना का मुहूर्त 13 अप्रैल को बन रहा है. मंगलवार के दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक घटस्थापना कर सकते हैं.