होली का पर्व प्रेम और सौहार्द का प्रतीक है. होली पर बुराईयों का त्याग किया जाता है. इस पर्व को हषोल्लास का पर्व भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार होली का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन रंगों की होली खेली जाएगी. होली के पर्व पर हल्दी का उबटन ग्रहों की अशुभता को दूर करने में बहुत ही प्रभावी माना गया है. हल्दी को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना गया है. भगवान विष्णु और देव गुरू बृहस्पति हल्दी के प्रयोग से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. होली पर हल्दी का प्रयोग कई प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाला माना गया है.
हल्दी बेहद गुणकारी है. सेहत को बेहतर और निरोग रखने में भी हल्दी बहुत ही लाभकारी बताई गई है. हल्दी में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो सेहत को ठीक करने और रोग को दूर भागने में सक्षम होते हैं. इसलिए हर घर में हल्दी का प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है. हल्दी शरीर की इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है. जिससे कई प्रकार के संक्रामक रोगों से बचाव होता है.
29 मार्च को कृष्ण प्रतिपदा तिथि को रंगों की होली खेली जाएगी. होली के खेलने के बाद हल्दी उबटन लगाने से बृहस्पति ग्रह के दोष दूर होते हैं. बृहस्पति ग्रह को ज्ञान, उच्च पद और बिजनेस आदि का कारक माना गया है. होली के दिन स्नान करने से पहले हल्दी का उबटन लगाने से गुरू ग्रह को मजबूती मिलती है. गुरू के साथ साथ सूर्य से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं.