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जनहित, जनसेवा की मिसाल बनी जेएसपीएल

रायपुर। चाहे जनहित, जनसेवा के मुद्दे हों या फिर राष्ट्रीय आपदा, जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद नवीन जिन्दल हमेशा सबसे पहले मदद करने के लिए ना केवल आगे आए हैं, बल्कि उद्योग जगत को भी इस दिशा में नई राह दिखाई और एक मिसाल कायम की। आज जब देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है, तो ऐसे में नवीन जिंदल ने मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की दिशा में पहल की और एक बार फिर अन्य कंपनियों को इसके लिए प्रेरित किया। लिहाजा आज कई नामी कंपनियां इस दिशा में मदद के लिए आगे आ रही हैं।

बात आम लोगों को अपने घरों में स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान पाने का हक दिलाने की हो या फिर कोरोना महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा में मदद करने की हो, नवीन जिंदल ने हमेशा एक सितारा बनकर लोगों का मार्गदर्शन किया और खुद इस दिशा में पहल करके साबित किया कि उनकी कंपनी जेएसपीएल केवल उत्कृष्ट स्टील बनाना नहीं जानती, बल्कि फौलादी जज्बा भी रखती है। देश में जब कोरोना जैसी महामारी ने पिछले साल दस्तक दी तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह एक दिन भयावह मंजर के रूप में सामने आएगी। जब देशवासियों ने पहली बार कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन देखा और उसके कुछ दुष्परिणाम से भी वाकिफ हुए।

और जब लोगों के पास काम नहीं था, रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई, जो नवीन जिंदल ने मसीहा बनकर उनकी मदद की। राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में उन्होंने पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपए और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री राहत कोष में 2 करोड़ रुपए की ना केवल मदद की, बल्कि जिन स्थानों में उनके संयत्र लगे हैं, वहां लोगों को भोजन आपूर्ति करने से लेकर राशन सामग्री का भी वितरण किया, ताकि कोई भूखा ना सोये । छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में उन्होंने महीनों तक यह अभियान जारी रखा। इतना ही नहीं रायगढ़ स्थित अपने फोर्टिस ओपी जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में उन्होंने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यहीं नहीं उन्होंने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नए कोविड सेंटरों में संसाधन जुटाने में भी आगे बढ़कर मदद की।

कोरोना वायरस की लहर से देश संभल भी नहीं पाया था कि संक्रमण का दूसरा और भी भयावह रूप अब जब सामने आया है और संक्रमितों के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की कमी पडऩे लगी है। ऐेसे में नवीन जिंदल ने अपने स्टील उत्पादक संयंत्रों में मेडिकल ऑक्सीजन का निर्माण शुरू किया और अब उसकी आपूर्ति न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, ओडि़शा, तेलंगाना जैसे कई राज्यों को भी करने की जिम्मेदारी ली और उसे पूरा करना भी शुरू कर दिया है। श्री जिंदल ने भरोसा दिलाया है कि जेएसपीएल अन्य प्रदेशों और प्रतिष्ठित संस्थानों की ओर से आ रही मांग की आपूर्ति करने के लिए कृतसंकल्पित है।

हमारे लिए देश प्रथम : नवीन जिन्दल

जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में वे उनके साथ हैं, पास हैं। उन्होंने कहा है कि देश हमारे लिए प्रथम है और कोविड 19 की दूसरी लहर को मात देने में जेएसपीएल केंद्र और राज्य सरकारों का हरसंभव सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जेएसपीएल के अनुसार इस समय अंगुल प्लांट में 500 टन लिक्विड ऑक्सीजन का स्टॉक है, जिसका इस्तेमाल मरीजों की जान बचाने में किया जा सकता है। इसके अलावा जेएसपीएल प्रतिदिन 100 टन ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम है और राज्य सरकारों को सहयोग देने के लिए तैयार है। हाल ही में जेएसपीएल के रायगढ़ प्लांट से 16-16 टन के दो ऑक्सीजन टैंकर जबलपुर भेजे गए हैं। इसी तरह गुना जिले के राघवगढ़ में 16 टन का ऑक्सीजन टैंकर भेजा गयाहै । रायगढ़ प्लांट से भोपाल 1 टैंकर और दिल्ली 2 टैंकर रवाना किये गए हैं। रायगढ़ से ही रायपुर के लिए 16-16 टन के दो टैंकर भेजे गए। अंगुल प्लांट से 20 टन ऑक्सीजन तेलंगाना भेजी गई है।

गौरतलब है कि पिछले साल मार्च महीने में जब कोरोना संक्रमण की पहली लहर आई थी तब उसकी रोकथाम और मरीजों की जान बचाने के लिए अकेले ओडिशा में जेएसपीएल ने 750 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति अपने अंगुल प्लांट से की थी। इसी तरह रायगढ़ से 50 टन ऑक्सीजन और 300 से अधिक सिलेंडरों की आपूर्ति जरूरतमंदों को की गई थी। अब एक बार फिर जेएसपीएल ने लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई का जिम्मा उठाया है। जेएसपीएल के फौलादी जज्बे को एक बार फिर सलाम.

 

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