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आज का इतिहास 25 अप्रैल : आज से 42 साल पहले भारत में आज ही के दिन रंगीन हुआ था TV

25 अप्रैल 1982 का दिन. यानी आज से 42 साल पहले भारत में दूरदर्शन रंगीन हुआ था. फिर भारत ने एशियाई खेलों की मेजबानी की. दूरदर्शन पर खेलों का रंगीन प्रसारण हुआ. इसने ही भारत में टीवी की लोकप्रियता बढ़ाई. आज तो हमारे पास सैकड़ों चैनल और अब चैनलों को छोड़िए OTT ऐप्स पर कार्यक्रम देखने की सुविधा है. टीवी का प्रसारण भी कुछ घंटों से बढ़कर 24 घंटों का हो गया है. गानों के लिए अलग चैनल, समाचार के अलग, खेलों के भी अपने अलग चैनल हैं. पर हमेशा से ऐसा नहीं था. 1959 में इंडियन टेलीविजन की शुरुआत हुई. आकाशवाणी का हिस्सा ही था. बाद में अलग हुआ. यूनेस्को की मदद से शुरुआत में हफ्ते में दो दिन केवल एक-एक घंटे के कार्यक्रम प्रसारित होते थे. इनका उद्देश्य नागरिकों को जागरूक करना होता था. 1965 में इसे इसका दूरदर्शन नाम मिला. रोजाना प्रसारण भी शुरू हुआ. समाचार आने लगे. फिर कृषि दर्शन आया, जो आज भी दूरदर्शन के अलग-अलग चैनलों पर प्रसारित होता है. चित्रहार पर फिल्मी गाने प्रसारित होते थे. भारत में आने के 23 साल बाद यानी 1982 में टीवी रंगीन हुआ. उस समय दूरदर्शन का ब्लैक एंड व्हाइट से रंगीन होना इतनी बड़ी उपलब्धि थी कि कलर टीवी स्टेटस सिंबल बन गया था. इसकी डिमांड इतनी बढ़ी कि सरकार को विदेशों से इम्पोर्ट करवाना पड़ा. 1980 के दशक में दूरदर्शन घर-घर में छा गया. हम लोग, बुनियाद, रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों का प्रसारण हुआ.

रामायण-महाभारत इतने पॉपुलर हुए कि इनके प्रसारण के समय गांवों से लेकर शहरों तक सड़कें वीरान हो जाती थी.

उस्ताद बड़े गुलाम अली खां का निधन
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की दुनिया के प्रसिद्ध नाम उस्ताद बड़े गुलाम अली खान का आज ही के दिन 1968 में निधन हुआ था. 20वीं सदी के ‘तानसेन’ के नाम से प्रसिद्ध बड़े गुलाम अली खां को संगीत विरासत में मिला था. उन्होंने अपने पिता अली बख्श खां, चाचा और दादा से शुरुआती शिक्षा ली. पिता कश्मीर के महाराजा के दरबारी गायक थे और यह संगीत का कश्मीरी घराना कहा जाता था.

बड़े गुलाम अली खां का एक किस्सा बेहद मशहूर है. फिल्म निर्देशक के. आसिफ मुगल-ए-आजम में मुगलकालीन दरबारी संगीत को फिल्माना चाहते थे. उन्होंने फिल्म में संगीत दे रहे नौशाद को अपने दिल की बात बताई। नौशाद जानते थे कि बड़े गुलाम अली खां साहब को फिल्मी गाने में शामिल करना टेढ़ी खीर है. पर आसिफ के दबाव डालने पर उन्होंने उस्ताद से संपर्क किया. पहले तो खां साहब ने मना कर दिया। पर बार-बार कहने पर 25 हजार रुपए मेहनताना मांग लिया. लगा कि इतना पैसा कोई देगा नहीं, और छुट्टी मिल जाएगी। पर के. आसिफ भी जिद के पक्के थे. उन्होंने खां साहब को इतने ही पैसे दिए और इस तरह मुगल-ए-आजम का ‘प्रेम जोगन बन के…’ गीत बना.

गुलाम अली खां 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे. पर वहां का माहौल उन्हें जमा नहीं. वे जल्द ही भारत लौट आए. उन्हें 1962 में भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित किया. 25 अप्रैल 1968 को हैदराबाद में उस्ताद बड़े गुलाम अली खां का इंतकाल हो गया.

DNA की संरचना की खोज
1953 में ‘नेचर’ पत्रिका में वैज्ञानिक जेम्स डी वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक का एक लेख छपा। इस लेख में उन्होंने DNA की संरचना की व्याख्या की. दरअसल, DNA ही वो फैक्टर है, जिससे माता-पिता के वंशानुगत लक्षण अगली पीढ़ी में आते हैं. इन दोनों वैज्ञानिकों को उनकी इस खोज के लिए 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वॉटसन और क्रिक द्वारा बनाया गया DNA का मॉडल लंदन के साइंस म्युजियम में रखा गया है.

देश-विदेश में घटी इन घटनाओं के लिए भी 25 अप्रैल को याद किया जाता है-

2018: आसाराम बापू को कोर्ट ने 16 साल की नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
2015: नेपाल में भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई. राजधानी काठमांडू के नजदीक आए इस भूकंप में 8 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
2015: नेपाल में भीषण भूकंप ने भारी तबाही मचाई. राजधानी काठमांडू के नजदीक आए इस भूकंप में 8 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई.
2010: आईपीएल के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियंस को हराकर खिताब जीता.
1989: इथियोपिया में दिमागी बुखार से 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत.
1983: जर्मनी की पत्रिका ‘स्टर्न’ ने हिटलर की उस विवादास्पद डायरी को छापना शुरू किया, जिसे उन्होंने कथित रूप से दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान लिखा था.
1980: अमेरिकी सेना ने तेहरान स्थित अपने दूतावास से 53 बंधकों को छुड़ाने का गोपनीय अभियान चलाया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई और आठ अमेरिकी सैनिक मारे गए. जनवरी 1981 में इन बंधकों की रिहाई हो पाई.
1905: दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों को मताधिकार मिला.
1809: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और पंजाब के सिख शासक रणजीत सिंह ने अमृतसर संधि पर हस्ताक्षर किए.

 

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