नेशनल न्यूज़। ट्रेन के एक इंजन में छाता लिए हुए एक लोको पायलट की एक तस्वीर इस दावे के साथ सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा की गई कि केरल में वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली यात्रा से पूर्व उसकी छत से बारिश का पानी रिस रहा था। हालांकि ऐसा नहीं था क्योंकि वह तस्वीर 2017 की है। 26 अप्रैल को तिरुवनंतपुरम से कासरगोड तक चलने वाली केरल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन बाद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई। इसे हजारों बार देखा गया और व्यापक रूप से साझा किया गया।
‘फैक्ट चेक’ में यह बात सामने आई कि 25 अप्रैल को जब ट्रेन कन्नूर में खड़ी थी तब उसके एक डिब्बे के ‘एसी वेंट’ से पानी का रिसाव हुआ था और रेल अधिकारियों ने 26 अप्रैल को इसकी मरम्मत करा दी थी। रेल इंजन में पानी का कोई रिसाव नहीं हुआ था। बाद की जांच में पता चला कि सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीर 2017 में झारखंड में बनाये गए एक वीडियो का स्क्रीनशॉट थी। 26 अप्रैल को ट्विटर पर किये एक पोस्ट में लिखा गया था, ‘‘मोदी की ‘वंदे भारत’ पीएम मोदी की तरह एक मुसीबत है। उद्घाटन के पहले दिन, केरल में वंदे भारत की छत से बारिश का पानी रिसने लगा। तस्वीर खुद बोलती है।” पोस्ट को दो दिनों में 67,000 से अधिक बार देखा गया, इसे 1,700 से अधिक लाइक मिले और 800 बार रीट्वीट किया गया। कई उपयोगकर्ताओं ने एक ही तस्वीर को एक ही दावे के साथ ट्विटर और फेसबुक पर साझा किया।