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नारद जयंती पर पत्रकार दिलीप महेश्वरी सम्मानित

बलौदाबाजार। नारद जयंती के अवसर पर यहां श्री गुरुदेव सेवा समिति ने पत्रकार दिलीप माहेश्वरी का सम्मान किया। श्री माहेश्वरी को 22 वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। श्री माहेश्वरी जनसंपर्क विभाग के अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार हैं और पायनियर के प्रतिनिधि हैं।

श्री गुरुदेव सेवा समिति द्वारा नारद जयंती पर हर साल कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस वर्ष हाई स्कूल के सामने मॉडर्न कॉन्प्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य प्रवक्ता रायपुर के संघचालक भास्कर राव जी,कार्य दक्षता नगर संघचालक राज नारायण केसरवानी मंच संचालन मनु लाल वर्मा तथा आभार कुश केडिया के द्वारा किया गया। रायपुर से आए संघ के सदस्य भास्कर राव तथा कुलदीप शर्मा मुख्य प्रवक्ता के रूप में उपस्थित थे।

सृष्टि के प्रथम संदेशवाहक एवं भगवान विष्णु के उपासक परम पिता ब्रह्मा जी के सातवें मानस पुत्र देव श्री नारद जयंती प्रतिवर्ष श्री गुरु जी सेवा समिति द्वारा पत्रकार सम्मान समारोह एवं व्याख्यान का आयोजन किया जाता है रायपुर से आए प्रवक्ताओं का सर्वप्रथम संघ पथ संचालक द्वारा उनका फूल एवं स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया उसके पश्चात भारत माता एवं सरस्वती माता फोटो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया तथा सरस्वती वंदना की गई बलौदा बाजार जिला के उत्कृष्ट छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार दिलीप महेश्वरी का श्री गुरु जी समिति द्वारा श्रीफल साल एवं स्मृति चिन्ह  देकर उनका सम्मान किया।

मुख्य अतिथि के रुप में पधारे भास्कर राव ने नारद जयंती के अवसर पर विस्तार से अपने विचार रखे क्योंकि भारत में एक वर्ग ऐसा है, जो सदैव भारतीय परंपरा का विरोध करता है। देवर्षि नारद को पत्रकारिता का आदर्श मानने पर वह विरोध ही नहीं करता, अपितु देवर्षि नारद का उपहास भी उड़ाता है। इसके लिए वह जुमला उछालता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पत्रकारिता का ‘भगवाकरण’ करने का प्रयास कर रहा है। इस वर्ग ने त्याग और समर्पण के प्रतीक ‘भगवा’ को गाली की तरह उपयोग करना प्रारंभ किया है। इससे ही इनकी मानसिक और वैचारिक क्षुद्रता का परिचय मिल जाता है। बहरहाल, उपरोक्त उदाहरणों से यह तो सिद्ध हो ही जाता है कि आरएसएस ने देवर्षि नारद को पत्रकारिता का आदर्श या आद्य पत्रकार घोषित नहीं किया है, बल्कि भारत में प्रारंभ से ही  रूप में स्वीकार कर लिया था। जिन्हें देवर्षि नारद के नाम से चिढ़ होती है, उनकी मानसिक अवस्था के बारे में सहज कल्पना की जा सकती है। उनका आचरण देखकर तो यही प्रतीत होता है कि भारतीय ज्ञान-परंपरा में उनकी आस्था नहीं है। अब तो प्रत्येक वर्ष देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर देशभर में अनेक जगह महत्वपूर्ण आयोजन होते हैं। नारदीय पत्रकारिता का स्मरण किया जाता है।

सृष्टि के प्रथम संदेशवाहक देवषि नारद जयंती के अवसर पर पत्रकार दिलीप महेश्वरी ने कहा हिंदू कैलेंडर के अनुसार नारद जयंती हर साल कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन मनाई जाती है नारद जी विष्णु भगवान के परम भक्तों में से एक माने जाते हैं वह विष्णु जी के सच्चे दूत थे नारद मुनि ब्रह्मा जी के सातवें मानस पुत्रों में से एक हैं उन्हें सृष्टि के पहले पत्रकार के रूप में जाना जाता था अपने जीवन में सूचनाओं का जो भी आदान-प्रदान किया वह हमेशा लोगों के हित में ध्यान रखकर करते थे नारद जी को सच्चे पत्रकार के तौर पर क्यों माना जाता था इसलिए जाना जाता है नारद मुनि को निरंतर चालाएं मान और भ्रमण सील होने का वरदान मिला है वह हर समय तमाम लोगों के बीच भ्रमण करते रहते थे जब भी किसी के लोक में जाते वहां दुख की सूचना भगवान को पहुंचाते इनका मकसद सिर्फ लोगों का कल्याण करना था एक पत्रकार का काम होता है दो लोगों के बीच संवाद बनाना विचारों के बीच मध्यस्थता करना और नारद जी  इस कार्य को खूबी से निभाया करते थे इस कारण सृष्टि का पहला पत्रकार कहा जाता था।

महेश्वरी जी ने अपने उद्बोधन में कहा मेरे बलोदा बाजार जिले के लिए गर्व की बात है मुझे यह सम्मान दिया इसके लिए मैं दिल से आभार व्यक्त करता हूं समिति का  पिछले 22 साल से पत्रकारिता करते हुए विभिन्न माध्यम से समाचार पहुंचाने के साथ-साथ जनहित में कई जन समस्याओं को उठाया तथा उनका सार्थक परिणाम भी निकला मैंने अमर संवाद  से पत्रकारिता शुरू की और कई साल तक नई दुनिया   समाचार पत्र , देश की सबसे बड़ी संवाद एजेंसी  हिंदुस्तान समाचार, राष्ट्रीय समाचार पत्र पायोनियर, एमपी न्यूज़ , कईसमाचार पत्र में निष्पक्ष होकर पत्रकारिता की इन 22 सालों में बहुत कुछ सीखा बहुत उतार-चढ़ाव देखा पत्रकारिता का स्तर गिरते देखा इस बीच मेरे मन टूट सा गया वरिष्ठ पत्रकारों मित्रों एवं मेरे सहयोगी का फिर से प्यार मिला उन्होंने मुझे बहुत कुछ सिखाया और मैंने फिर से पत्रकारिता शुरू की।

इस अवसर पर राजनाथ केसरवानी ने भी नारद मुनि को एक अच्छे पत्रकार के रूप में जाने जाते थे नारद मुनि को अमरता का वरदान प्राप्त था नारद जी लोगों के बीच संवाद विचारों के बीच मध्यस्थता करना नारद जी इस कार्य को खूबी से निभाते थे उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार भी कहा जाता था ।

श्री गुरु सेवा समिति के कोषाध्यक्ष कुश केडिया ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया बड़ी संख्या में पत्रकार एवं शहर के गणमान्य एवं बुजुर्ग लोग सम्मिलित हुए सम्मिलित होने में सोहन लाल यादव गुरुजी श्याम शुक्ला  टेशू लाल धुरंधर आर् एन  वर्मा कुशल वर्मा रजनी केशरवानी,सालीन साहू मनीष बरनवाल विनय गुप्ता वरिष्ठ पत्रकार रामाधार पटेल नीरज बाजपेई राजेश मिश्रा नरेश गनसानी संजय श्रीवास सुनील साहू अरविंद मिश्रा  देवेश साहू एवं गणमान्य महिलाएं भी उपस्थित थे।

 

 

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