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नौकरी नहीं इसलिए आर एस एस का स्वरोजगार अभियान

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छत्तीसगढ़ के यूथ के बीच आर एस एस नौकरी की चाहत का भाव खत्म कर अब स्वरोजगार से जुड़ने का भाव पैदा करेगा। इसके लिए संघ के 23 अनुषांगिक संगठन मिलकर काम करेंगे। प्रदेश में 25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वावलंबी भारत अभियान शुरू होगा।  प्रदेश के यूथ को ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वदेशी उत्पाद तैयार करने, उनकी स्किल्स से लोकल लेवल पर उन्हें अपने काम को बढ़ावा देने जैसी बातों पर इस अभियान में जोर दिया जाएगा।

भारत को जीरो बीपीएल देश बनाने का लक्ष्य

राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार का मानना है कि अगले तीन सालों में देश के युवा आजीविका, स्वदेशी और सहकारिता के मंत्र पर चलते हुए स्वरोजगार का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लेंगे। युवाओं का यह कदम देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा। सतीश कुमार ने कहा, हमें भारत को जीरो बीपीएल का देश बनाना है। अभी बीपीएल रेट 16- 17 प्रतिशत है। देश के प्रधानमंत्री भी वोकल फॉर लोकल कह चुके हैं, इस लिए स्थानीय स्तर पर जिन कामों से युवा दूर हटा उसे वापस उन कामों से जोड़कर स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार का माहौल तैयार किया जाएगा।

इस तरह से चलेगा अभियान

– 12 जनवरी को देश में शुरू हुआ है यह अभियान
– राज्य के 28 जिलों में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन शुरू, प्रत्येक जिले में एक कार्यक्रम करेंगे
– देश में 3 हजार सक्सेस स्टोरी, छत्तीसगढ़ में 9 स्टोरीज अब तक सामने आई इन्हें यूथ के बीच प्रचारित किया जाएगा।
– देश के सभी 739 जिलों में सृजन केंद्र बनाने की योजना
– सृजन केंद्रों को महाविद्यालय या विश्वविद्यालय के साथ जोड़ा जाएगा
– स्थानीय अर्थ व रोजगार देने वाले उद्यमियों के साथ संवाद
– युवाओं की मानसिकता परिवर्तन के लिए चलेगा अभियान

 

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