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खराब खानपान के अलावा ये फैक्टर भी बढ़ाते हैं कॉलेस्ट्रोल, रहें अलर्ट

जब आपके शरीर का कॉलेस्ट्रोल लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो आपकी घातक बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, कार्डिअक अरेस्ट और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है. शरीर में खराब कॉलेस्ट्रोल की बढ़ोतरी के साथ, धमनियों में थक्के जमने लगते हैं जो शरीर के सभी अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन में बाधा डालता है. लोग अक्सर सोचते हैं कि कॉलेस्ट्रोल में वृद्धि खराब खानपान की आदतों के कारण होती है, लेकिन कई अन्य कारण उसकी बढ़ोतरी के जिम्मेदार होते हैं.

मोटापा- मोटापा भी कॉलेस्ट्रोल लेवल वृद्धि को जन्म देता है. अगर किसी शख्स का वजन लगातार बढ़ रहा है, तो गुड कॉलेस्ट्रॉल शरीर में घटने लगता है. अच्छा कॉलेस्ट्रोल खराब कोलेस्ट्रोल को बढ़ने से रोकता है. अगर आपके शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है, तो आपका वजन धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है. इससे हाइपरटेंशन, हार्ट अटैक, टाइप 2 डायबिटीज, स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

व्यायाम नहीं करना- जो लोग दिन भर सिर्फ बैठे रहते हैं, कोई व्यायाम बिल्कुल नहीं करते हैं, उन्हें शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. रिसर्च के मुताबिक, एक शख्स को कम से कम सप्ताह में 150 मिनट व्यायाम करना चाहिए. इससे आपका शरीर स्वस्थ रहता है और आप फिट भी रहते हैं.

तनाव- जितना ज्यादा आप तनाव में होंगे, उतना ही ज्यादा कोलेस्ट्रोल आपके शरीर में बनेगा. तनाव के कारण ब्रेन स्ट्रोक की अधिक संभावना होता है. इसलिए अगर आप तनाव में हैं, तो व्यायाम, योगासन्न और ध्यान तनाव कम करने में प्रभावी हैं.

लत- नशा कोलेस्ट्रोल और दिल की बीमारी बढ़ाने में बहुत नुकसानदेह है. अल्कोहल की लत का भी कोलेस्ट्रोल पर बुरा प्रभाव पड़ता है. सबसे बुरी लत है धूम्रपान, जो आपको कई घातक बीमारियों का शिकार बना सकता है.

पारिवारिक इतिहास- अगर आपके परिवार में किसी सदस्य को कोलेस्ट्रोल का इतिहास है, तो इससे भी संभावना बढ़ जाती है. उसके अलावा, हार्ट अटैक भी एक समस्या है जो एक नस्ल से दूसरी नस्ल में ट्रांसफर होता है. अगर इस तरह की आपके पारिवारिक सदस्यों के साथ खराबी है, तो 20 साल की उम्र में कार्डिआलॉजिस्ट से मिलें और कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए उचित परामर्श लें, ताकि समय रहते आप इन घातक बीमारियों से जिंदगी को बढ़ा सकें.

स्वस्थ भोजन खाएं- सैचुरेटेड और ट्रांस फैट का सेवन कम किया जाना चाहिए और घुलनशील फाइबर में भरपूर और ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन किया जाना चाहिए. उसके अलावा, कोलेस्ट्रोल को कम करने में शारीरिक गतिविधि को बढ़ाना, योग आसन करना, धूमप्रान छोड़ना, वजन कम करना मददगार फैक्टर हैं.

 

 

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