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मणिपुर में रोका गया राहुल गांधी का काफिला, रास्ते में हिंसा होने की पुलिस ने जताई संभावना

नेशनल न्यूज़। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने हिंसा की आशंका के चलते बृहस्पतिवार को बिष्णुपुर में रोक दिया। पुलिस इलाके में हिंसा और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दे रही है। पुलिस का कहना है कि रास्ते में हिंसा हो सकती है, इसलिए काफिले को रोक दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विष्णुपुर जिले में हाईवे पर टायर जलाए गए थे और काफिल पर कुछ पत्थर भी फेंके गए थे। हमें डर है कि ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं, हमें राहुल गांधी की सुरक्षा की चिंता है और ऐसे में हमने काफिले को रोकना का निर्णय लिया है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की
वहीं, पुलिस अधिकारियों के साथ लंबी जद्दोजहद के बाद राहुल गांधी का काफिला वापस इम्फाल हवाई अड्डे की तरफ लौट रहा है। पुलिस द्धारा आगे जाने की इजाजत नहीं मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को वहां से हटाया। राहुल हिंसा प्रभावित मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए थे। जिले में राहुल की, हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना थी लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी।

मणिपुर में हालात अच्छे नहीं हैं…हिंसा अब भी जारी
इससे पहले कांग्रेस की राज्य इकाई के अधिकारियों ने बताया कि अपने दो दिवसीय दौरे पर वह नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और अन्य लोगों से भी बातचीत करेंगे। राज्य में कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘ इस दौरे का मकसद मणिपुर में जातीय संघर्ष से प्रभावित लोगों को सांत्वना देना है।” मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने गांधी के दौरे से पहले कहा, ‘‘ मणिपुर में हालात अच्छे नहीं हैं…हिंसा अब भी जारी है और गोलीबारी होती रहती है।”

डबल-इंजन सरकार पर भरोसा नहीं है
उन्होंने दावा किया कि लोगों को ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की डबल-इंजन सरकार पर भरोसा नहीं है।” कांग्रेस की मणिपुर इकाई के प्रभारी डॉ. अजॉय कुमार ने दौरे की शुरुआत में ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘ सरकार को लोगों की बात सुननी चाहिए… (मणिपुर के मुख्यमंत्री) बीरेन सिंह सरकार को हटाया जाना चाहिए।” कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है।

हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।

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