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महाराष्ट्र: चुनाव लड़ने की उनमें हिम्मत नहीं, आदित्य बोले- जिन पर भरोसा किए वही धोखा दिए

मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक उठा-पटक खत्म हो चुका है। केवल बयानबाजी जारी है। रविवार को पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि शिवसेना के जमीनी कार्यकर्ता संगठन के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। आदित्य ने आगे कहा जिन लोगों पर भरोसा किया गया वे उनके साथ ‘विश्वासघात’ कर रहे हैं।

महाराष्ट्र में मुंबई के उत्तरी उपनगर दहिसर में अपनी ‘निष्ठा यात्रा’ के दौरान के दौरान आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो लोग सेना छोड़ना चाहते थे वे चले गए, लेकिन जमीनी स्तर के शिव सैनिकों का उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ समर्थन जारी है।

‘प्रतिद्वंदियों से मुकाबले को तैयार है शिवसैनिक’
शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा “प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में हमारे पास दो से तीन पुरुष और महिला दुर्जेय शिव सैनिक हैं, जो चुनाव में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।”

‘मातोश्री के दरवाजे वापस लौटने वालों के लिए खुले हैं’
इसी मामले पर बाद में मिडिया से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि शिवसेना को उन लोगों ने “धोखा” दिया है जिन पर भरोसा किया। उन्होंने कहा, “जो लोग जाने से खुश हैं उनमें नए चुनाव का सामना करने की हिम्मत होनी चाहिए। ‘मातोश्री’ (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे का निजी आवास) के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं जो वापस लौटना चाहते हैं।”

विधायकों ने कर दी थी बगावत
बता दें कि पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के अधिकांश विधायकों ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इस विद्रोह के बाद शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी। इसके बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

पार्टी में विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले दोनों गुट खुद के असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं।

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