रायपुर। सकल दिगंबर जैन समाज के मार्गदर्शन में विशुद्ध वर्षा योग कार्यक्रम चल रहा है। जहां चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज ने छत्तीसगढ़ की महत्ता बताई। महाराज ने कहा कि छत्तीसगढ़ तीर्थंकरों की भूमि है, यहां भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है। बच्चे को मां से ज्यादा दुलार ननिहाल में मिलता है। इसी कारण यहां 22 संत एक साथ पहुंचे हुए हैं।
महाराज ने कहा जहां संत का आगमन होता है, वहां जियो और जीने दो जैसे पवित्र विचार का संचार भी स्वाभविक रूप से होता है। विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि विश्व में कट्टरता और अहिंसा का बोलबाला है, लेकिन अंत में उन्हें अहिंसा का ही निर्णय लेना पड़ेगा। इन विचारों और सिद्धांतों की आज सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
संतों के आगमन से होता है उत्साह का संचार
इस अवसर पर मुनियों का चरण पखारने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा इस साल का चातुर्मास हम सबके लिए यादगार रहेगा। वैसे भी चातुर्मास का सबको इंतजार रहता है। तपती धूप के बाद जैसे धरती को भी जल का इंतजार रहता है और वनस्पति और जीवों को भी पानी का इंतजार रहता है। वर्षा की फुहार पड़ती है तो धरती तृप्त हो जाती है। उत्साह का संचार होता है। उसी प्रकार चातुर्मास में संत का आगमन हो तो, वैसे ही प्रसन्नता होती है।
महाराज जी के ग्रंथ का विमोचन
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज द्वारा विरचित और ताम्रपत्र पर छपे “सत्यार्थ बोध” ग्रंथ का विमोचन किया।