नई दिल्ली: कांग्रेस आला कमान ने पंजाब कांग्रेस को लेकर लेकर भले ही अपना आखिरी फैसला लेकर कमान सिद्धू को सौंप दी हो. लेकिन कैप्टन और सिद्धू के पैदा हुई खाई पटने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 21 जुलाई को पंचकुला के एक होटल में लंच पर नेताओं को बुलाया है.
इस लंच के कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को नहीं बुलाया गया है. यहां तक की इस लंच के लिए पंजाब कांग्रेस के सांसदों को इनविटेशन मिला है. यह दिखाता है कि पार्टी प्रेसिडेंट के फैसले से कैप्टन अभी भी नाखुश हैं. कैप्टन तो खुले तौर पर अपना विरोध दिखा रहे हैं लेकिन इस खबर पर अभी तक सिद्धू का कोई रिएक्शन नहीं आया है.
सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए
आधिकारिक ऐलान होते ही सिद्धू सबसे पहले पटियाला के दुख निवारण गुरुद्वारे गए और माथा टेका. उसके बाद काली माता मंदिर में दर्शन किए और मस्जिद जाकर भी अपनी हाजिरी लगाई. कोशिश ये बताने की थी कि बतौर अध्यक्ष वो इसी समभाव से कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलेंगे. सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं. संगत सिंह गिलजियां, कुलजीत नागरा, सुखविंदर सिंह डैनी और पवन गोयल सिद्धू के चार नए साथी होंगे.
सिद्धू को मिली पंजाब कांग्रेस की कमान लेकिन आसान नहीं होगा आगे का सफर
सिद्धू को ताज तो मिल गया लेकिन वो कांटो भरा है क्योंकि कैप्टन, पार्टी के कई विधायक और कुछ सीनियर पार्टी नेता सिद्ध से नाराज हैं. यही नाराजगी चुनावों में पार्टी की तबीयत नासाज ना कर दे. इसलिए सिद्धू बीते दो दिनों में 50 के करीब कांग्रेसी विधायकों से उनके घर जाकर मुलाकात कर चुके हैं लेकिन चुनौती अब भी कम नहीं हुई है.
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