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लोकसभा में पशु क्रूरता का मामला- सांसद सुनील सोनी ने कहा जानवरों की कुर्बानी केवल लाइसेंसी बूचड़खानों में देने की अनिवार्यता हो

रायपुर। छत्तीसगढ़ से भाजपा सांसद सुनील सोनी ने लोकसभा में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का मुद्दा उठाया। सोनी ने कहा जानवरों की कुर्बानी केवल लाइसेंसी बूचड़खानों में देने की अनिवार्यता होनी चाहिए। उन्होंने मुद्दे को लेकर मांग की है कि इसके तहत पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाया जाए।

इस धारा के अंतर्गत किसी भी जानवर को धार्मिक कारणों से मारने की अनुमति प्रदान की गई है। हर साल बकरियां, भैंस और ऊंट सहित हजारों बेजुबान जानवरों को धार्मिक रीतिरिवाज के नाम पर अप्रशिक्षित लोगों के द्वारा कटवाया जाता है, जो क्रूर कृत्य है।

सदन में सांसद सोनी ने आगे कहा कि बूचड़खानों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को मारा जाता है। इसमें मारे गए जानवरों के खून और शारीरिक अंगों का पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ता है।

सोनी तर्क दिया कि इस तरह कुर्बान किए गए जानवरों के मांस का सेवन करना मानव स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सासंद सोनी ने यह भी बताया कि मारे गए जानवरों की किसी भी प्रकार की अधिकारिक स्वास्थ्य सुरक्षा जांच नहीं होती है।

उन्होंने पीसीए अधिनियम 1960 की धारा 28 को हटाने की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की कि जो जानवरों की कुर्बानी देना चाहते हैं, तो उन्हें केवल लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों में करने की अनिवार्यता होनी चाहिए।

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