दिल्ली, आबकारी नीति को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सीबीआई को चिट्ठी लिखी है और पूर्व राज्यपाल अनिल बैजल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल पर अनाधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया। आप नेता ने दावा किया है कि इसके कारण उनकी सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ठनी
पिछले दिनों दिल्ली सरकार की नई एक्साइज नीति की जांच सीबीआई से कराने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सिफारिश की थी। आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक पालन न होने को लेकर उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसके बाद से इस मामले पर दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच ठन गई है। सिसोदिया ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी सीबीआई को भेज दी है। सिसोदिया ने कहा, ‘‘नयी आबकारी नीति के तहत अनाधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं। तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी।
पूर्व राज्यपाल के रूख के कारण हुआ करोड़ों रु के राजस्व का नुकसान- सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को अनिल बैजल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनाधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर निगम से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
दिल्ली सरकार ने जब नई आबकारी नीति तैयार की थी, उस समय अनिल बैजल दिल्ली के एलजी थे। इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था। हालांकि, बढ़ते विवाद के बाद सरकार ने यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से पुरानी आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है।
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