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सी-मार्ट बाजार में देशी उत्पादों की जमकर हो रही बिक्री, 9 महीने में हुई 70 लाख की कमाई

छत्तीसगढ़ का देसी सुपर बाजार सी-मार्ट अब लोगों की बीच अपनी जगह बनाने में सफल हो रहा है। सी-मार्ट में देशी उत्पादों की जमकर कर बिक्री हो रही है, पिछले नौ महीने में 70 लाख रुपये का साबुन, दोना पत्तल, सरसों तेल, महुआ सैनिटाईजर, मास्क और ग्लिसरीन जैसी सामग्रियों की बिक्री हुई है। इससे राज्य के सहायता समूह की महिलाओं को लाभ मिला है, जिन्होंने इन सभी प्रोडक्ट को बनाया है।

सी-मार्ट में देसी उत्पादों की हो रही बिक्री

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को सीएम हाउस में महिला समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की सी-मार्ट में खरीद और बिक्री की समीक्षा बैठक की है, इस दौरान विभाग के अधिकारियों ने पिछले नौ महीने का रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने रखा है, समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 29 सी-मार्ट में पिछले नौ महीने में कुल 70 लाख से अधिक की बिक्री हुई है, इन सी-मार्ट में सबसे अधिक बिक्री के प्रोडक्ट में मास्क, साबुन, दोना पत्तल, ग्लिसरीन, सरसों तेल, महुआ सैनिटाईजर के अलावा कई अन्य सामग्री शामिल है।

सी-मार्ट से रोजगार को बढ़ावा मिल रहा है

बैठक में मुख्यमंत्री ने बिक्री बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि सी-मार्ट का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और महिला स्व सहायता समूहों, कुम्हारों, अन्य पारंपरिक कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना है, इसके साथ ही सी-मार्ट के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार और क्वालिटी पूर्ण सामग्री उचित दाम में उपलब्ध करवाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सी-मार्ट में उत्पादों की अधिक बिक्री स्थानीय बाजार और रोजगार को बढ़ावा देगी, सी-मार्ट के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिये अच्छी मार्केटिंग की जाये, मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उत्पादों की बिक्री के लिये स्वच्छता दीदियों की सहायता ली जा सकती है, इससे उन्हें भी अतिरिक्त आय होगी, इसके अलावा सी-मार्ट के खुलने और बंद होने का समय ग्राहकों की सुविधा के अनुरूप होना चाहिए।

गोबर की राखी की भी हो रही बिक्री

गौरतलब है कि राज्य के देशी उत्पादों की बिक्री के लिए सुपर बाजार की तर्ज पर सी-मार्ट खोले जा रहे है, जहां राज्य की महिला समूह द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की बिक्री होती है, वहीं अब राखी के सीजन में सी-मार्ट में राखियों की भी बिक्री होनी शुरू हो गई है, रायपुर के सी मार्ट में गोबर से बनाई गई राखियों की बिक्री हो रही है, इससे महिला समूह को रोजगार मिल रहा है।

 

 

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