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हवाई सफर करना हो सकता है और महंगा, DGCA के इस फैसले से एयरलाइंस किराये बढ़ाने को हुईं आजाद

विमानन नियामक महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को देश में हवाई किराए की लोअर और अपर लिमिट को हटाने की घोषणा की। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, अनुसूचित घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद हवाई किराए के संबंध में समय-समय पर अधिसूचित किराया बैंड को 31 अगस्त, 2022 से प्रभावी रूप से हटाने का निर्णय लिया गया है। जानकारों का कहना है कि डीजीसीए के इस फैसले से हवाई सफर और महंगा हो सकता है क्योंकि एयरलाइंस किराये बढ़ाने के लिए आजाद होंगी। डीजीसीए की इस कैप से विमानन कंपनियां किराये में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं कर पा रही थी।

हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ने पर फैसला

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक ट्वीट में कहा, हवाई किराए की सीमा को हटाने का निर्णय दैनिक मांग और एयर टर्बाइन ईंधन की कीमतों के विश्लेषण के बाद लिया गया है। हमें यकीन है कि निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि होगी। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी एयरलाइंस को बुधवार को इस फैसले के बारे में सूचित कर दिया गया है। इससे पहले, सरकारी अधिकारियों और एयरलाइंस समेत स्टेकहॉल्डर्स के बीच घरेलू हवाई किराए को लेकर चर्चा हुई थी। एयरलाइंस ने अपने विचार रखते हुए कहा था कि घरेलू हवाई यातायात की रिकवरी के लिए प्राइजिंग कैप को हटाना आवश्यक है।

कोविड-19 महामारी के कारण सीमा लगा दी थी

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के बाद एटीएफ की कीमते पिछले कुछ हफ्तों के दौरान नीचे आई हैं। दिल्ली में एटीएफ की कीमत एक अगस्त को 1.21 लाख रुपये प्रति किलोलीटर थी, जो पिछले महीने की तुलना में करीब 14 फीसदी कम है। कोविड-19 महामारी के कारण दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को विमान सेवाएं फिर शुरू होने पर मंत्रालय ने उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी। इसके तहत एयरलाइंस किसी यात्री से 40 मिनट से कम की घरेलू उड़ानों के लिए 2,900 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से कम और 8,800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से अधिक किराया नहीं ले सकती हैं।

 

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