नूपुर शर्मा के खिलाफ देश भर में दर्ज मुकदमों को सुप्रीम कोर्ट ने एक जांच एजेंसी को सौंप दिया है। अब सभी मामलों की जांच दिल्ली में होगी, नूपुर शर्मा की जान को खतरा होने की वजह से सारे मामलों को दिल्ली ट्रांसफर किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर पर दर्ज सभी एफआईआर का बड़ा हिस्सा दिल्ली का घटनाक्रम है, भविष्य में एफआईआर रद्द करने की मांग करना उनका अधिकार है, जिसको लेकर वह दिल्ली हाईकोर्ट भी जा सकती हैं।
बेंच ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा 8 जून, 2022 को एफआईआर दर्ज की गई थी। न्यायालय ने पहले ही याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरे का संज्ञान लिया है, इसलिए यह कदम लिया गया। सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि आमतौर पर हम FIR रद्द नहीं करते, इसे हाई कोर्ट पर छोड़ देते हैं।
नूपुर शर्मा की जान को खतरा
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दूसरे पक्ष की वकील मेनका गुरुस्वामी ने दखल देते हुए कहा कि पहले सभी FIR दिल्ली ट्रांसफर की मांग एक बार खारिज हो चुकी है। बेहतर हो कि एक संयुक्त SIT बना दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हमने बाद में यह पाया कि सुरक्षा कारणों से याचिकाकर्ता का देश भर की कोर्ट में जाना संभव नहीं। मेनका ने कहा कि खतरे की बात है तो हम सुरक्षा देंगे, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SIT का गठन दिल्ली पुलिस कर लेगी।
इससे पहले 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में नूपुर शर्मा केस की सुनवाई हुई थी जिसमें कोर्ट ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को नसीहत देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस भेजा था। हालांकि कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था नूपुर शर्मा को 10 अगस्त तक गिरफ्तार नहीं किया जाए।
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