भिलाई। कोरोनाकाल के दौरान बंद की गई दुर्ग-विशाखापट्नम पैसेंजर ट्रेन की सुविधा रेलवे तीन साल बाद बहाल की। वहीं इस ट्रेन की सुविधा अब प्रतिदिन मिलेगी। इससे इस मार्ग के यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। पहली बार जब यह ट्रेन पावर हाउस पहुंची तो आंध्र-उत्कल समाज ने तिरंगे के साथ इसका जोरदार स्वागत किया।
दुर्ग-विशाखापट्नम के बीच एक्सप्रेस ट्रेन की सुविधा शुरू होने के बाद रविवार को पहली बार यह ट्रेन दुर्ग से रवाना हुई। शाम 6.45 बजे जैसे ही यह ट्रेन पावर हाउस रेलवे स्टेशन पहुंची तो आंध्र उत्कल समाज के लोग उत्साह से भर गए। स्वागत में आंध्र-उत्कल संघर्ष समिति के सदस्य बड़ी संख्या में तिरंगा लेकर स्टेशन पहुंचे थे। इस दौरा लोको पायलट को फूलमाला पहनाकर मुंह मीठा कराया गया।
आंध्र उत्कल समाज के अध्यक्ष के उमाशंकर राव ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने दुर्ग से विशाखापट्नम के बीच एक्सप्रेस ट्रेन चलाने की घोषणा के बाद शनिवार को यह ट्रेन विशाखापट्नम से शुरू हुई। रविवार को यह ट्रेन दुर्ग से रवाना की गई। इस ट्रेन को चलाने की खुशी में आंध्र-उत्कल समाज में काफी उत्साह है। पावर हाउस रेलवे स्टेशन पर जैसे ही 6.45 बजे ट्रेन पावर हाउस रेलवे स्टेशन पहुंची तो तिरंगे के साथ ढोल-ताशे से स्वागत किया गया।
इधर एक्सप्रेस ट्रेन शुरू होने से समाज ने खुशी जाहिर की, वहीं पुरानी बोगियां लगाने से समाज के लोगों में नारजगी जाहिर की। कोचों में गंदगी की सफाई नहीं की गई थी। आंध्र उत्कल समाज के अध्यक्ष के उमाशंकर राव ने बताया कि नई ट्रेन है तो नया दिखना भी चाहिए। हम इस संबंध में रेलवे के अधिकारियों से बात करेंगे और एक्सप्रेस में नई बोगियां लगाने व सफाई पर विशेष ध्यान देने की मांग करेंगे।
अब तक विशाखापट्नम जाने के लिए लोग रायपुर से कोरबा-विशाखापट्नम एक्सप्रेस पकड़ते थे, लेकिन अब दुर्ग भिलाई के लोगों को राहत मिलेगी। इस रूट पर दुर्ग भिलाई के लोग बड़ी संख्या में यात्रा करते हैं। इससे पहले इस रूट पर पैसेंजर ट्रेन चलती थी जिसे कोविड के कारण बंद कर दिया गया और उसकी जगह नई एक्सप्रेस ट्रेन शुरू कर दी गई है।
पुरी एक्सप्रेस को ..इस मार्ग से चलाया जाए
दुर्ग से पुरी जाने वाली एक्सप्रेस का रूट बदलने की मांग आंध्र-उत्कल संघर्ष समिति ने की है। कई वर्षों से यहां के आंध-उत्कल समाज के लोग दुर्ग से पलासा के बीच एक्सप्रेस ट्रेन की मांग कर रहे हैं। रेलवे ने दुर्ग से पुरी के बीच एक ट्रेन शुरू की, लेकिन वह टिटलागढ़ जंक्शन से कटकर बलांगीर, संबलपुर, तालचेर, अंगुल होते हुए भुवनेश्वर, पुरी तक जाती है। यदि इस ट्रेन को टिटलागढ़ की जगह विजयनगरम, पलासा, ब्रह्मपुर होते हुए पुरी तक चलाया जाए तो यहां के लोगों की सालों की मांग भी पूरी जाएगी और दुर्ग से पलासा तक ट्रेन की सुविधा भी मिल जाएगी।
11 कोच के साथ रोज चलेगी ट्रेन
दुर्ग-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस में कुल 11 कोच हैं। इस एक्सप्रेस में दो एसएलआर कोच, दो सामान्य कोच, पांच स्लीपर कोच और दो एसी थ्री श्रेणी के कोच लगाए गए हैं। यह ट्रेन दुर्ग से शाम 6.30 से रवाना होगी और अगले दिन 10.50 पर विशाखापट्टनम पहुंचेगी। वहीं विशाखापट्टनम से शाम 4.55 पर रवाना होगी और दूसरे दिन 5.40 पर दुर्ग पहुंचेगी।