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दुर्ग में फाइलेरिया और कृमि से मुक्ति अभियान, जिले में 16 लाख लोगों को पिलाई जाएगी दवा

दुर्ग, जिले में फाइलेरिया और कृमि से मुक्ति के लिए अभियान चलाया जायेगा जिसके तहत 22 से 28 अगस्त तक सामूहिक दवा लोगों को दी जाएगी। इस पूरे अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अभियान की सुनियोजित व्यवस्था के लिए जिला पंचायत के सभागृह में सर्वसमाज की बैठक आयोजित की गई,  जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं।

सावधानी के साथ बचाव ही उपाय

इस बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने बतायाः फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी है। यह रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका प्रमुख लक्षण अंडकोष में वृद्धि, हाथी पांव एवं स्त्रियों में स्तन पर प्रभाव है। यह बीमारी लाइलाज है एवं सावधानी के साथ बचाव ही इसका एकमात्र साधन है। इसे गंभीरता से लेते हुए फाइलेरिया और कृमि से बचाव के लिए जिले में 22 अगस्त से 28 अगस्त तक सामूहिक दवा सेवन का अभियान चलाया जाएगा। बैठक में हिंदू समाज, कुर्मी समाज, साहू समाज, जैन समाज, महाराष्ट्र मंडल, सिन्हा समाज, क्रिश्चियन, मुस्लिम, उत्कल और तृतीय लिंग समुदाय के सदस्य के साथ जिले के प्रमुख व गैर शासकीय संस्थाओं के प्रमुख लोग उपस्थित थे।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेपी मेश्राम ने बतायाः फाइलेरिया और कृमि से मुक्ति हेतु स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 4,000 से अधिक अधिकारी व कर्मचारियों के माध्यम से जिले में लगभग 16 लाख लोगों को सामूहिक दवा सेवन कराने की तैयारी की जा रही है। फायलेरिया एवं कृमि मुक्ति कि दवा समाज के प्रत्येक व्यक्तियों को खिलाया जाना है। सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को डीईसी एवं एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी।

कृमि मुक्ति दवा के फायदे

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कृमि की दवा खिलाने पर बच्चों में खून की कमी व कुपोषण दूर किया जा सकता है। मानसिक एवं बौद्धिक विकास, औसत आयु में बढ़ोतरी तथा स्कूल, आंगनवाड़ी में बच्चों के पढ़ने की रुचि बढ़ाने में कृमि की दवा काफी सहायक होती है। कृमि मुक्ति हेतु बच्चों को एल्बेंडाजॉल टेबलेट खिलाने से समुदाय से कृमि के स्तर में कमी लाई जा सकती है। एल्बेंडाजॉल टेबलेट 1 से 2 वर्ष आयु के बच्चों को आधी गोली चूरा कर और 2-3 वर्ष के बच्चों को 1 गोली चूरा कर और 3 से 19 वर्ष के बच्चों को यह दवा 1 गोली चबाकर साफ पानी के साथ खिलाई जाती है।

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