Close

पीईकेबी खदान के नियमित संचालन का अनुरोध लेकर ग्रामीण पहुंचे रायपुर, लगाई मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से गुहार

० कहा – खदान बंद हो जाने से 5000 युवा हो जायेंगे बेरोजगार

रायपुर।सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित परसा ईस्ट कांता बासन कोयला खदान में उत्पादन बंद होने की कगार पर है। जिसके नियमित संचालन का अनुरोध लेकर प्राभावित ग्राम पंचायत परसा, साल्ही, जनार्दनपुर, फतेहपुर, तारा और घाटबार्रा इत्यादि ग्रामाें के 30 से अधिक ग्रामीणों का एक समूह करीब 300 किमी की यात्रा करके सोमवार को रायपुर पहुंचा। जिसमें महिलाएं भी शामिल हुई।

रायपुर पहुंचकर ग्रामीणों का यह समूह प्रदेश के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। जबकि उपमुख्यमंत्री और क्षेत्र के विधायक श्री टी एस सिंहदेव से उनके रायपुर स्थित निवास में सौजन्य मुलाकात कर पीईकेबी खदान के नियमित संचालन की गुहार लगाई।

ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात रखी जिसमें उन्होंने श्री सिंहदेव से खदान के बंद होने से स्थानीय स्तर के 5000 से अधिक युवाओं के लिए रोजीरोटी का संकट खड़ा होने की बात कही।

इन्होंने ज्ञापन सौपकर खदान को नियमित रूप से संचालन का अनुरोध किया। इन्होंने बताया कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण खदान में उत्पादन अब ठप होने को है। वहीं सैकड़ों कर्मचारियों और मशीनों को अब बाहर भेजा जाने लगा है। हम चूंकि इसी खदान में नौकरी करते हैं अतः अब हमें भी अपनी नौकरी छुटने के खतरा बढ़ गया है। पिछले 10 वर्षो में खदान खुलने क्षेत्र में जो विकास कार्य हुए और आगे होने की भी उम्मीद है वही भी अब रुक जायेंगे। खदान खुलने से हमारे क्षेत्र में उत्कृष्ठ शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य, अजीविका उन्नयन और अधोसंरचना विकास के कई कार्य संचालित किए जा रहे हैं। आज हमारे बच्चे यहां पर स्थित केन्द्रीय शिक्षा पद्धति की अंग्रेजी माध्यम के स्कूल मुफ्त में पढ़ रहे है। वहीं हमारे घर तक स्वास्थ्य संबंधी परिक्षण और ईलाज किया जा रहा हैं। यहीं नहीं स्थानीय महिलाओं को भी घर के काम काज के अलावा अतिरिक्त आय अर्जन के कई कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं।

इस मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री टी. एस सिंहदेव ने ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया है की उनकी इस समस्या का जल्द निराकरण किया जाएगा साथ ही उन्होंने बताया की छत्तीसगढ के आला अधिकारियों के साथ ही दिल्ली तक भी इस मुद्दे पर विचार करने की पहल की जाएगी। उन्होने खदान समर्थक ग्रामीणों के पक्ष की बात रखी है।

ग्रामीणों ने मीडिया से बात करते हुए बताया की उनकी ज़मीन खदान को जा चुकी है। अब इनकी मंशा खदान को नियमित चलने देने की है ताकि इन सभी का रोज़गार बना रहे साथ ही हसदेव क्षेत्र में हो रहे अन्य विकास कार्य जो सीएसआर के तहत किये जाते हैं उनमें बाधा न आये।

ग्रामीणों ने उन एनजीओ पर भी सीधा आरोप लगाया है और तथाकथित एनजीओ संचालक अपने राजनैतिक फायदे के चलते खदान बंद करवाना चाहते हैं या फिर उनका कोई निजी स्वार्थ है क्योंकि जो ग्रामीण उनका समर्थन करते हैं उन्हें पहले ही मुआवजा मिल चूका है वो लोग और पैसों के लालच में धरना स्थल पर बैठते है।

उन्होंने बताया की हमारा इन मांगों को लेकर रायपुर का यह तीसरा दौरा है। वहीं हमारी समस्याओं का समाधान प्रदेश सरकार द्वारा अगर जल्द से जल्द नहीं किया गया तो हम अपने परिवार सहित रायपुर में आकर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिसके जिम्मेदार प्रदेश सरकार स्वयं होगी।

scroll to top