पटना: कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन रद्द कर दिया है. बता दें कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में शकील अहमद ने बिहार में महागठबंधन के उम्मीदवार के खिलाफ मधुबनी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. इस वजह से उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था.
कांग्रेस के इस फैसले को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि शकील अहमद बिहार के बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक हैं. हालांकि, निलंबित किए जाने के कुछ समय बाद पिछले साल सितंबर महीने में शकील अहमद ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, इसके बाद से ही उनकी वापसी की अटकलें तेज हो गई थीं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट चाहते थे. लेकिन महागठबंधन में जब सीटों का बंटवारा हुआ तो ये सीट मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के खाते में चली गई.
टिकट नहीं मिलने से नाराज हो गए थे शकील अहमद
वीआईपी ने इस सीट से बद्रीनाथ पूर्वे को अपना उम्मीदवार बनाया था. टिकट नहीं मिलने की वजह से शकील अहमद नाराज हो गए थे. इसके बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र दो सेटों में एक कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में और दूसरा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर दाखिल किया. बाद में जब कांग्रेस से बात नहीं बनी तो उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था.
मधुबनी लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं
शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से साल 1998 और 2004 में सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और गृह राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला. साल 1985, 1990 और 2000 में वे विधायक भी रह चुके हैं. इसके अलावा बिहार कांग्रेस प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.