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यूक्रेन पर कब्जे के लिए रूस की नई चाल, जनमत संग्रह से पुतिन तोड़ेंगे जेलेंस्की का हौसला

यूक्रेन के क्षत्रों को अपना अभिन्न अंग बनाने के लिए रूस की ओर से उन क्षेत्रों में जनमत संग्रह शुरू कर दिया गया है, जिन पर रूस अब तक कब्जा जमा चुका है। हथियारों के दम पर यूक्रेन को कब्जाने की तमाम कोशिशों में नाकामयाब होने के बाद अब रूस नया पैंतरा आजमाने जा रहा है। खबर है कि रूस ने यूक्रेन के कब्जा किए गए क्षेत्रों में जनमत संग्रह शुरू किया है। रूसी अधिकारियों के मुताबिक, इस जनमत संग्रह से यह निर्धारित होगा कि ये क्षेत्र रूस का अभिन्न हिस्सा बनना चाहते हैं या नहीं।

जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में मतदान शुरू कर दिया गया

यूक्रेन के क्षेत्रों को अपना हिस्सा बनाने के लिए रूस की ओर से लुहांस्क, जापोरिज्जिया और दोनेत्स्क क्षेत्र में मतदान शुरू कर दिया गया है। वहीं खबर है कि वहीं खेरसॉन में भी शुक्रवार सुबह से मतदान शुरू हो गया। इन क्षेत्रों पर रूस का आंशिक और पूर्ण रूप से कब्जा है।

3,00,000 आरक्षित सैनिक तैनाती की घोषणा

गौरतलब है कि जनमत संग्रह से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 3,00,000 ‘रिजर्विस्ट’ (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की घोषणा की थी। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्धारित करने के लिए मतदान हो रहा है कि लोग इन क्षेत्रों को रूस में शामिल किए जाने की इच्छा रखते हैं अथवा नहीं। माना जा रहा है कि परिणाम रूस के पक्ष में रहने की उम्मीद है।

रूस में लागू हो सकता है मॉर्शल लॉ

यूक्रेन में तीन लाख आरक्षित सैनिकों की तैनाती की घोषणा के बाद रूस में मॉर्शल लॉ की आशंका गहरा गई है। इसके बाद से लोग विदेश भाग रहे हैं। मॉर्शल लॉ में युद्ध की उम्र वाले पुरुषों को देश छोड़ने से रोक दिया जाता है। रूस से बाहर जाने वाली उड़ानों की तादाद अचानक बढ़ी है। इससे पहली गूगल ट्रेंड्स के डाटा ने भी बताया कि रूस में टिकट खरीदने की लोकप्रिय वेबसाइट एवियासेल्स का ट्रैफिक अचानक से बढ़ गया है। रूस से विदेश जाने वाली उड़ानों की संख्या इस सप्ताह करीब पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं। जबकि रूस और यूरोप के बीच यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही उड़ानें रद्द हैं।

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