लक्ष्मी विलास बैंक ने अपने डिपोजिटरों को आश्वस्त किया है कि उनका पैसा उसके पास सुरक्षित है. बैंक का कहना है कि उसके पास पर्याप्त लिक्विडिटी है, डिपोजिटर अपने पैसे लेकर चिंता न करें. दरअसल बैंक के शेयरहल्डरों ने एजीएम में इसके सीईओ और कुछ डायरेक्टरों के खिलाफ वोट दिया था. इसके बाद से ही बैंक की हालत ठीक नहीं होने की खबरें आने लगी थीं.
शेयरहोल्डरों ने बैंक के सीईओ और कुछ डायरेक्टरों की नियुक्ति के खिलाफ ऐसे वक्त में वोट दिया है, जब पूंजी की कमी की वजह से क्लिक्स ग्रुप के साथ इसके विलय की बातचीत चल रही है. बैंक ने कहा है कि बैंक पूरी तरह काम कर रहे बोर्ड के जरिये ऑपरेशन जारी रखे हुआ है. इसके इस समय तीन स्वतंत्र डायरेक्टर हैं और जब तक नए एमडी की नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक मौजूदा सीनियर मैनेजमेंट इसके रोजाना का काम देखता रहेगा.
बैंक ने कहा है कि उसके पास पर्याप्त लिक्विडटी है. उसका लिक्विडी कवरेज रेश्यो यानी LCR 250 फीसदी से भी ज्यादा है. बैंक सीधे और परोक्ष तरीके से अपनी लागतें कम करने के कदम उठा रहा है. बैंक के मुताबिक उसका प्रोविजिनिंग कवरेज रेश्यो भी 72.6 फीसदी है, जिसे काफी अच्छा माना जाता है. PCA के तहत यह कम से कम 70 फीसदी होना चाहिए.
बैंक ने कहा है कि वह अपने मौजूदा कर्मचारियों की पूरी क्षमता के साथ पहले की तरह ही कस्टमर सर्विस को अंजाम देता रहेगा. उसका कहना है कि शेयर होल्डरों ने एफपीओ, राइट्स इश्यू और क्यूआईपी या दूसरे रास्तों को जरिये पूंजी जुटाने के कदम को मंजूरी दे चुके हैं.