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किसान बिल: पंजाब-हरियाणा में विरोध जारी, भगत सिंह के गांव में धरने पर बैठे अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़: लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद तीन कृषि संबंधि बिल अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन गए हैं. लेकिन देश के कई हिस्सों इसको विरोध प्रदर्शन जारी है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज सुबह शहीद भगत सिंह नगर के खटकर कलां गांव में भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और फिर किसान बिल के विरोध में धरने पर बैठ गए.

अमरिंदर सिंह ने कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक’ बताया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को संसद में अपनी चिंताएं जाहिर करने का अवसर नहीं दिया गया. राष्ट्रपति की मंजूरी उन किसानों के लिए झटका है जो केंद्र के इन कानूनों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन खतरनाक कानूनों को मौजूदा स्वरूप में लागू करने से पंजाब का कृषि क्षेत्र बर्बाद हो जाएगा.’

उधर आज सुबह पंजाब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजधानी में इंडिया गेट के पास एक ट्रैक्टर को आग के हवाले कर अपना विरोध जताया. क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती पर सुबह लगभग 7.15 बजे विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए पंजाब युवा कांग्रेस के लगभग 10-15 कार्यकर्ता एक ट्रक से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने ट्रक से एक ट्रैक्टर को उतारा और उसमें आग लगा दी.

आईवाईसी ने एक ट्वीट में भगत सिंह की कही बात को उद्धृत करते हुए कहा, “अगर बहरों को सुनाना है, तो आवाज बहुत तेज होनी चाहिए: भगत सिंह.” ट्वीट में कहा गया, “शहीद भगत सिंह की स्मृति के सम्मान में, पंजाब युवा कांग्रेस ने इंडिया गेट पर एक ट्रैक्टर को जलाकर किसानों के प्रति भाजपा सरकार के उदासीन रवैये का विरोध किया. सोते हुए सरकार को जगाओ. इंकलाब जिंदाबाद.”

विरोध प्रदर्शन करने और ट्रैक्टर जलाने के सिलसिले में पंजाब के रहने वाले पांच लोगों को हिरासत में ले लिया है. दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगाल कर इसमें शामिल लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है.

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