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केंद्रीय वित्त मंत्री ने माना कि महंगाई के बोझ से आम आदमी परेशान , छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कुर्सी की चिंता-सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माना कि महंगाई के बोझ में आम आदमी दबा है। इस बढ़ती महंगाई से केंद्र और राज्य सरकार दोनों को मिलकर निपटना है। उन्होंने कहा- पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम भी बढ़े हैं। लखनऊ में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने की बात उठी थी, लेकिन सहमति न बन पाने की वजह से यह नहीं हो सका है। इस पर हम प्रयास कर रहे हैं।

सीतारमण के छत्तीसगढ़ दौरे पर कांग्रेस ने सवाल किया था कि बेरोजगारों के रोजगार के अवसरों का क्या हुआ? इस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमसे रोजगार पर सवाल पूछती है, मैं पूछती हूं आप की सरकार कहां है। सीतारमण ने रायपुर के माना स्थित कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं। वह भारतीय जनता पार्टी के सेवा और समर्पण कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मंगलवार को रायपुर पहुंचीं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकालते हुए एयरपोर्ट से उनका स्वागत किया।

महंगाई से निपटना केंद्र और राज्य सरकार का काम

केंद्र नहीं कर रहा कोई भेदभाव उन्होंने कहा कि अक्सर प्रदेश की कांग्रेस सरकार, केंद्र सरकार पर यह आरोप लगा देती है कि केंद्र फंड देने में कमी कर रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। कोरोनाकाल के दौरान भी प्रदेश को 2086 करोड रुपए दिए गए हैं। ये 50 साल के लिए है, वह भी बिना किसी ब्याज के राज्य सरकार को दिया गया। इन रुपयों को राज्य सरकार प्रदेश के विकास कार्यों में रोजगार के अवसरों में लगा सकती है।
50 साल बाद केंद्र सरकार को बिना किसी ब्याज के लौटा सकती है। इसके अलावा गरीबों को राशन देने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं में भी केंद्र सरकार ने हमेशा सहायता की है। छत्तीसगढ़ को अलग रखकर किसी तरह का भेदभाव करने की बात सही नहीं है। केंद्र सरकार सभी राज्यों के लिए बेहतरी का काम कर रही है। प्रदेश को मुफ्त टीके भी उपलब्ध करवाए गए हैं।

बघेल को कुर्सी की चिंता-सीतारमण

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- छत्तीसगढ़ के चीफ मिनिस्टर भूपेश बघेल को जनता की सेवा करने के लिए पद मिला है, लेकिन वह अपनी पोजीशन की चिंता कर रहे हैं। वह भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनका पद बचा रहे। छत्तीसगढ़ के विधायक दिल्ली चले जाते हैं, फिर कुछ दिन वहां रुक कर वापस लौट आते हैं। जनता ने उन्हें वोट काम करने के लिए दिया था, मगर यहां पद को बचाने का काम हो रहा है।

 

 

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