शारदीय नवरात्रि की आज अष्टमी (Maha Ashtami) और कल नवमी (Maha Navami) तिथि है. अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के 8वें स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती हैं. जो लोग सप्तमी व्रत रखते हैं वे आज अष्टमी के दिन और जो लोग अष्टमी का व्रत रखते हैं वे नवमी को हवन करते हैं. हवन के बाद ही नवरात्रि व्रत में पारण करने का विधान है. आइए जानें हवन के लिए शुभ मुहूर्त और हवन के दौरान की जानें वाली सावधानियां.
अष्टमी के दिन हवन का शुभ मुहूर्त (Havan ka Shubh Muhurt)
शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है. इस दिन वे लोग जो सप्तमी का व्रत रखकर हवन करना चाहते हैं. उन्हें महाष्टमी की संधिकाल पर हवन करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि संधिकाल पर हवन करना अति शुभ लाभदायी होता है. संधिकाल का समय अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट पर होती है. इस प्रकार हवन करने का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 42 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट तक का है. व्रती को चाहिए कि वे इस समय हवन करें.
हवन की सावधानियां {Precautions in Havan}
- नवरात्रि में हवन के समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए.
- जहां पर हवन कुंड है, उसके चारों तरफ के स्थान की साफ सफाई कर लेनी चाहिए और यह ध्यान रखें कि इसके इर्द-गिर्द कोई भी ज्वलनशील पदार्थ या वास्तु न हो.
- हवन करने के पहले सभी पूजन सामग्री और हवन सामग्री को एकत्रित करके पास में रख लें, ताकि उन्हें बीच में उठना न पड़े.
- हवन करते समय अग्नि से हमेशा सावधान रहने की जरूरत है.
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