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पुंछ में आतंक के खिलाफ 12 दिनों से ऑपरेशन जारी, पिछले 13 साल में अब तक का सबसे लंबा अभियान

जम्मू के राजौरी और पुंछ में सेना के साथ जारी एनकाउंटर का आज 12वां दिन है. वहीं, पाकिस्तान के राजौरी और पुंछ को आतंक की राजधानी बनाने के ISI के ब्लू प्रिंट की खुफिया रिपोर्ट के बाद अब सेना के इन इलाकों में ग्राम सुरक्षा समितियों यानी वीडीसी को सशक्त करने की तैयारियां शुरू कर दी है. यह समितियां सीमावर्ती इलाकों में सेना और पुलिस के साथ आतंक को करारा जवाब देते है.

जिले में पिछले 13 साल में यह अब तक का सबसे लंबा ऑपरेशन है. यहां पिछले हफ्ते दो अलग-अलग हमलों में 9 जवान शहीद हो गए थे. एलओसी से चार किमी की दूरी पर जंगल में मार्च कर रहे सैनिकों की सहायता के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. आतंकवादियों को मार गिराने के लिए पूरे जंगल की कड़ी सुरक्षा घेराबंदी की गई है.

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों को साजो सामान मुहैया कराने के सिलसिले में पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें एक मां- बेटा भी शामिल है. अभियान के मद्देनजर एहतियाती उपाय के तहत जम्मू-राजौरी राजमार्ग पर मेंढर और थानमंडी के बीच यातायात बंद है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों को किया आगाह

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लोगों से पुंछ जिले के वन क्षेत्र की ओर नहीं जाने को लेकर आगाह किया है. पुलिस ने पुंछ के बहतधुरियन इलाके की मस्जिदों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए लोगों से अपील की कि वे जंगल की ओर न जाएं और अपने पशुओं को अपने परिसर के अंदर रखें. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “ये घोषणाएं तब की गईं हैं, जब कुछ लोगों को इलाके में चल रही मुठभेड़ के बीच पशुओं के साथ जंगल की ओर बढ़ते देखा गया.”

अधिकारी ने कहा, “लोग किसी भी समय पुलिस से संपर्क कर सकते हैं और हम 24 घंटे जनता की सेवा में हैं. हम उनकी जरूरत की किसी भी चीज की होम डिलीवरी सुनिश्चित करेंगे.” पुलिस इस बात से सहमत नहीं है कि ये घोषणाएं इसलिए की जा रही हैं, क्योंकि सेना जंगल क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े हमले की तैयारी कर रही है.

 

 

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