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कही-सुनी (08 NOV-2022) : छत्तीसगढ़ के मंत्री और नेता दहशत में

रवि भोई की कलम से

कहते हैं झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी (इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट) का समन मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के कुछ मंत्री और नेता दहशत में हैं। राज्य में ईडी की कार्रवाई पिछले तीन हफ्ते से चल रही है। एक आईएएस, एक सीए और एक अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। कुछ आईएएस से पूछताछ चल रही है। कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ईडी की कस्टडी में है। इस बीच चर्चा चल पड़ी है कि ईडी ने राज्य के चार मंत्री और एक निगम अध्यक्ष को जांच के दायरे में ले लिया है। कहा जा रहा है कि तीन मंत्री रायपुर और आसपास इलाके में भारी मात्रा में जमीन खरीदने को लेकर ईडी की नजरों में आ गए हैं, जबकि एक मंत्री अपने विभाग में टेंडर में हेरफेर, फिर उसे निरस्त किए जाने को लेकर लपेटे में आ गए हैं। निगम अध्यक्ष भी रायपुर के पॉश इलाके में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी के लिए ईडी के निशाने पर बताए जाते हैं। निगम अध्यक्ष के दो रिश्तेदारों को ईडी का नोटिस मिलने की सुबुगाहट है। बताते हैं  पिछले दिनों चिप्स दफ्तर में छापे के बाद ईडी को कई दस्तावेज मिले। इसके बाद कई अफसर उसके राडार में आ गए हैं। वैसे कहा जा रहा है ईडी की गिरफ्त में आए लोगों से पूछताछ में कई राज सामने आ रहे है, पर एक बात है छत्तीसगढ़ में ईडी की इंट्री से अफवाहों का बाजार गर्म है और रोजाना नया शिगूफा लोगों को सुनने को मिल रहा है।

सरकारी आयोजनों से मोहन मरकाम की दूरी

लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की पटरी सरकार से बैठ पा रही है? पिछले दिनों प्रभारी महासचिव पी एल पुनिया की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में मोहन मरकाम अनुपस्थित रहे और आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन समारोह में भी मोहन मरकाम नजर नहीं आए। राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक के दिन गैरहाजिर होने का कारण उनका विशाखापट्नम में होना बताया गया। मोहन मरकाम ठीक समापन समारोह के दिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए हैदराबाद रवाना हो गए। कहते हैं कि समापन समारोह में कार्ड में नाम न होने के कारण मोहन मरकाम हैदराबाद चले गए। कहा जा रहा है कि कोंडागांव जिले के राज्योत्सव समारोह में मोहन मरकाम की जगह संतकुमार नेताम को मुख्य अतिथि बनाया गया था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कोंडागांव के विधायक का जिला मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम से दूरी से सवाल उठ रहे हैं और तकरार भी झलक रहा है।

नए लुक में टी एस सिंहदेव

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव आजकल नए लुक में नजर आ रहे हैं। वे इन दिनों हिमाचल प्रदेश में अपनी बहन आशा कुमारी सिंहदेव के चुनाव प्रचार में लगे हैं। टी एस सिंहदेव साहब राज्योत्सव में नहीं दिखे। डलहौजी विधानसभा सीट से आशा कुमारी नौवीं बार मैदान में हैं। आमतौर पर कुर्ता पैजामा में नजर आने वाले सिंहदेव चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोक कलाकारों के साथ वेस्टर्न ड्रेस में थिरकते नजर आ रहे हैं। उनके डांस का वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार में लगे हैं। वे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के नंबर वन और टू दोनों ही हिमाचल प्रदेश में लगे हैं। अब देखते हैं नतीजा क्या आता है?

भानुप्रतापपुर के लिए बजा बिगुल

मनोज मंडावी के निधन से रिक्त भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट हेतु उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान होगा। कहा जा रहा है कि यहां कांग्रेस  स्व. मनोज मंडावी की पत्नी को चुनाव लड़ा सकती है। स्व. मनोज मंडावी की पत्नी श्रीमती सावित्री मंडावी अभी सरकारी नौकरी में हैं। स्व. मंडावी के दो बेटे हैं, लेकिन उनको टिकट देने के आसार नहीं हैं।2019 में कांकेर लोकसभा चुनाव लड़ चुके विरेश ठाकुर का नाम भी चर्चा में है।  भाजपा यहां के लिए नए चेहरे की तलाश में है। भाजपा ने प्रत्याशी चयन के लिए प्रारम्भिक बैठक कर ली है, लेकिन कोई नाम फ़ाइनल नहीं किया है। इस उपचुनाव के लिए महामंत्री ओ पी चौधरी को प्रभारी बनाए जाने की खबर है। भाजपा से ब्रम्हानंद नेताम और डॉ. गंभीरसिंह ठाकुर का नाम चर्चा में है। भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब तक कांग्रेस ने कोई उपचुनाव नहीं हारा है। ऐसे में माना जा रहा है कि भानुप्रतापपुर सीट का नतीजा भी उसी के पक्ष में रहेगा। भाजपा ताकत लगाएगी और सेमीफाइनल के तौर पर लड़ेगी। आमतौर से उपचुनाव का नतीजा सत्तारूढ़ दल के पक्ष में देखा गया है।

कारोबारी को बाहर का रास्ता

सरकारी नौकर से राजधानी के बड़े कारोबारी बने एक व्यक्ति नेता और सरकार से जुड़े लोगों के साथ अखबारों और होर्डिंग्स में अपना फोटो छपवाकर हवा में उड़ने लग गया था। वह कांग्रेस-भाजपा के नेताओं के साथ ब्यूरोक्रेट्स को अपनी मुठ्ठी में रखने की बात करने लग गया था। इसकी आड़ में लोगों को चमकाने-धमकाने और रंगदारी में लग गया था। कहते हैं न पाप का घड़ा एक दिन फूटता है, ऐसा ही इस कारोबारी के साथ हुआ। सत्ता-प्रतिष्ठानों में ऊंची कुर्सी में बैठे लोगों के कान तक कारोबारी की करतूतों की गूंज पहुंची तो फिर क्या था, सबने बाहर का रास्ता दिखा दिया।

कांग्रेस नेता को झटका

कांग्रेस के एक मंझोले नेता भूपेश बघेल की सरकार बनने के साथ ही निगम -मंडल में कुर्सी का ख्वाब देखने लगे थे। कहते हैं अपने लिए सार्वजनिक उपक्रम भी तय कर लिया था, लेकिन नेताजी का नाम पहली क्या तीसरी लिस्ट में नहीं आया। पहली लिस्ट में नाम नहीं आने पर नेताजी ने तर्क दिया कि अभी बड़े निगम बचे हैं। तीसरी लिस्ट में नाम नहीं आने पर अब राग अलाप रहे हैं कि एक साल के लिए कौन पद ले। पद नहीं मिला तो कुछ न कुछ बहाना बनाना पड़ेगा, पर साफ़ है कि नेताजी को  सरकार ने झटका दे दिया।

भाजपा ने बदलाव के कदम रोके

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने पिछले कुछ महीने में कई बदलाव किए। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश प्रभारी समेत कई जिला अध्यक्ष बदल दिए। लेकिन जिला अध्यक्षों के बदलाव में मशक्कत और विवाद के बाद कदम रोक दिए। कहते हैं जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में गुटीय संतुलन बड़ी चुनौती बन गई। कहते हैं अब चार-छह महीने बाद काम न करने या विवादों में घिरे जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। शेष यथावत काम करते रहेंगे।

ओ पी माथुर 14 नवंबर को आएंगे

कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर 14 नवंबर को राजधानी आएंगे। प्रदेश प्रभारी बनने के बाद ओ पी माथुर अब तक एक भी बार छत्तीसगढ़ नहीं आए हैं। 14 नवंबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वे जशपुर में भाजपा नेता स्व. दिलीपसिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। कहते हैं मोहन भागवत रांची से जशपुर पहुंचेंगे।

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार और पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक हैं। )
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