सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण घटना के तौर पर देखा जाता है. सूर्य ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में शुभ नहीं माना गया है. सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य कमजोर पड़ जाता है. सूर्य एक तरह से ग्रहण के दौरान पीड़ित हो जाता है. जिस कारण उसकी शक्ति क्षीण होने लगती है. सूर्य ग्रहण के दौरान तेज आंधियां चलती हैैं और कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा निकलती है.
सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. इस बार मिथुन लग्न और वृश्चिक राशि में सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि जिस राशि और लग्न में ग्रहण लगता है उसे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इसलिए इस बार मिथुन और वृश्चिक राशि वालों को विशेष सर्तकता बरतने की जरूरत है.
सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को वृश्चिक राशि में लगने जा रहा है. विशेष बात ये है कि सूर्य ग्रहण मिथुन लग्न में होगा। वृश्चिक राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, शुक्र, सूर्य और केतु भी मौजूद रहेंगे. सूर्य ग्रहण के दौरान 5 महत्वपूर्ण ग्रह वृश्चिक राशि में होंगे. सभी ग्रह सूर्य ग्रहण को बहुत ही महत्वूपर्ण बनाते हैं. इसका असर भारत और दूसरे देशों में भी दिखाई देगा.
14 दिसंबर को सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार शाम 7 बजकर 4 मिनट से मध्य रात्रि तक रहेगा. भारत में इस ग्रहण को खंडग्रास माना जा रहा है. खंडग्रास सूर्य ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता है. इसलिए इस ग्रहण का विशेष धार्मिक महत्व नहीं होगा. लेकिन फिर भी कुछ नियमों का पालन करना उत्तम रहेगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ लोगों को विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा जाता है. सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ख्याल रखना चाहिए. ग्रहण के दौरान महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और भोजन आदि नहीं करना चाहिए. वहीं बच्चों को भी घर से बाहर नहीं निकलने देनो चाहिए. सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए और पूजा करने के बाद ही भोजन आदि ग्रहण करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में इस योग को खतरनाक योगों में से एक माना गया है. इस दिन राहु की दृष्टि बृहस्पति पर रहेगी. बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ विराजमान है. जिन लोगों की जन्म कुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग बना हुआ है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.