सूर्य ग्रहणसूर्य ग्रहण पंचांग के अनुसार 14 दिसंबर को लगने जा रहा है. इस बार का सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि ये सूर्य ग्रहण साल का अंतिम ग्रहण भी है.
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण ज्योतिष गणना के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि को लगने जा रहा है. इस दिन सोमवती अमावस्या का पर्व भी है.
सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि और मिथुन लग्न में लग रहा है. ग्रहण का नक्षत्र ज्येष्ठा है. इस कारण सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव वृश्चिक राशि और मिथुन राशि पर पड़ेगा. इसलिए इन दोनों ही राशि के जातकों को सावधान रहने की जरूरत है.
सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि में 5 ग्रह मौजूद रहेंगे. ज्योतिष गणना के मुताबिक सोमवती अमावस्या पर पर वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे. ऐसी स्थिति कई वर्षों बाद बन रही है.
सूर्य ग्रहण के दौरान एक खतरनाक योग का भी निर्माण हो रहा है. इस योग को गुरु चंडाल योग कहते हैं. यह योग जन्म कुंडली में तब बनाता है जब गुरु के साथ राहु एक ही स्थान में बैठ जाए. वहीं जब दोनों ग्रह कुंडली के अलग-अलग भाव में बैठकर एक-दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखें तो भी गुरु चंडाल योग का निर्माण होता है. इस समय गुरु शनि के साथ मकर राशि और राहु वृष राशि में विराजमान है.
ज्योतिष शास्त्र में इस योग को अशुभ और खतरनाक योगों में रखा गया है. गुरु चंडाल योग जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है उसके जीवन में हमेशा अस्थिरता बनी रहती है. सफलता के लिए उसे लंबा संघर्ष करना पड़ता है. हर कार्य में बाधा का सामना करना पड़ता है. इसलिए जिन लोगों की जन्म कुुंडली में पहले से ही गुरु चंडाल योग है इस दौरान विशेष सर्तकता और सावधानी बरतें.