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बायजूस कंपनी पर आरोप, गलत तरीके से लोगों को महंगे कोर्स बेच रही बायजू

बायजूस कंपनी

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने बायजू की कार्यस्थल संस्कृति और ग्राहक सेवा प्रक्रियाओं में दो-भाग के संदर्भ में खुलासे के बाद सम्मन जारी किया था। आयोग को शिकायत मिली थी कि कंपनी माता-पिता को लुभाने के लिए अनैतिक व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल थी।

गलत तरीके से महंगे कोर्स बेचने के आरोपों में घिरी बायजूस ने अब डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है। कंपनी ने बयान दिया है कि अब वो कम आय वर्ग में आने वाले परिवार के बच्चों को ट्यूशन कोर्स की बिक्री नहीं करेगा। कंपनी के मुताबिक ये देखने के लिए क्या परिवार ट्यूशन फीस का भुगतान करने या उसके लिए कर्ज उठाने की स्थिति में है या नही, परिवार की आर्थिक स्थिति को पहले जांचा जाएगा और 25 हजार से कम आय वाले परिवारों को ऐसे कोर्स ऑफर नहीं किए जाएंगे। हाल ही में NCPCR ने कंपनी को नोटिस भेज कर उन आरोपों पर जवाब देने को कहा गया था जिसके मुताबिक बायजूस गलत तरीके अपना कर महंगे कोर्स बेच रही है और जिसकी वजह से बच्चों का मानसिक शोषण हो रहा है। कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है साथ ही विवादों से बचने के लिए परिवार की आय को कोर्स की बिक्री का आधार बनाने का फैसला लिया है।

खुलासे के बाद सम्मन जारी

इस संदर्भ में ऐसे कई ग्राहकों से बात की गई, उन्होंने कहा कि उन्हें पाठ्यक्रमों की के दौरान खरीदारी धोखा दिया गया था या किसी अन्य तरीके से उनका शोषण किया गया था और अंततः वे अपना पैसा भी वापस नहीं पा सके। प्रकाश ने NCPCR के समन के बाद 23 दिसंबर को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान बायजू के CEO बायजूस रवींद्रन का प्रतिनिधित्व किया। यह किसी भारतीय एडटेक कंपनी को उसकी बिक्री विधियों के लिए भेजा गया इस तरह का पहला नोटिस माना जा रहा है।

कंपनी पर आरोप

कंपनी पर आरोप लगे हैं कि वो गलत तरीके से लोगों को महंगे कोर्स बेच रही है जिसके लिए वो लोगों के साथ कर्ज के समझौते पर कर रही है। जिससे लोग अपनी क्षमता से आगे जाकर कोर्स खरीद रहे हैं। हालांकि कोर्स के मनमुताबिक न निकलने पर कंपनी रिफंड में समस्या खड़ी कर रही है जिससे बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है। हालांकि शुक्रवार को NCPCR को सौंपे अपने बयान में बायजूस ने कहा कि वह अपने ग्राहकों का रिफंड अनुरोध मिलने के 48 घंटे के अंदर 98.5 प्रतिशत मामलों का निपटान कर देती है। बायजूस ने गलत बिक्री के आरोप पर खुद का बचाव करते हुए कहा कि यह अपने बिक्री कर्मचारियों और प्रबंधकों को ऐसे ग्राहकों का पीछा करने का आदेश या प्रोत्साहन नहीं देता है जो इसके उत्पादों में रुचि नहीं रखते हैं या भुगतान करने में असमर्थ हैं। वहीं बायजूस ने कहा कि बायजू इस आरोप का दृढ़ता से खंडन करती है कि उसने छात्रों के डेटाबेस खरीदे हैं। हम साफतौर से कहते हैं कि हमने कभी कोई डेटाबेस नहीं खरीदा है।

मनोवैज्ञानिक आघात से कुछ राहत मिली

NCPCR के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक फोन साक्षात्कार में कहा, “कंपनी की आक्रामक नीतियों के कारण बच्चों और उनके परिवारों को आज मनोवैज्ञानिक आघात से कुछ राहत मिली है।” “हम एक टेक कंपनी के कामकाज को विनियमित नहीं कर सकते, लेकिन उनकी शोषणकारी रणनीति का प्रभाव निश्चित रूप से हमारी जांच के दायरे में था।”

छंटनी जैसे कई विवादों में घिरी हुई है कंपनी

कंपनी महंगे उत्पादों की गलत तरीके से बिक्री से लेकर कंपनी में लागत घटाने के नाम पर छंटनी जैसे कई विवादों में घिरी हुई है। इन सभी मामलों में राज्य सरकारों से लेकर NCPCR तक ने कंपनी को अपनी स्थिति साफ करने को कहा है। बायजू का 31-3-2021 को समाप्त वित्त वर्ष का घाटा 19 गुना बढ़कर ₹4,588 करोड़ पर पहुंच गया है। अब कंपनी ने अगले साल मार्च तक मुनाफे में आने की योजना बनाई है। इसके लिए अक्टूबर में कंपनी ने लागत घटाने की योजना सामने रखी है जिसमें 2500 कर्मचारियों की छंटनी की बात कही गई है।

 

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