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पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी ने एक नये राजनीतिक दल की घोषणा की

पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी

कर्नाटक के पूर्व मंत्री एवं खनन कारोबारी जी. जनार्दन रेड्डी ने रविवार को ‘‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’’ नाम के एक नये राजनीतिक दल की घोषणा की। इसके साथ ही, अवैध खनन मामले में आरोपी नेता ने भारतीय जनता पार्टी से अपना दो दशक पुराना नाता तोड़ लिया। बेल्लारी जिले के बाहर से कर्नाटक की चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करते हुए उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘आज मैं कल्याण राज्य प्रगति पक्ष की घोषणा कर रहा हूं। जो मेरी अपनी सोच के साथ, बासवन्ना की सोच के साथ, धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ है।’

कल्याण राज्य प्रगति पक्ष की घोषणा कर रहा हूं – जनार्दन रेड्डी

रेड्डी ने कहा, ‘बीजेपी नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है, राज्य और इसके लोगों का मानना था कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा अब जाकर गलत साबित हुई है। आज मैं मेरी अपनी सोच के साथ कल्याण राज्य प्रगति पक्ष की घोषणा कर रहा हूं, जो धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति का साथ नहीं देगी। आने वाले दिनों में मैं पार्टी को व्यवस्थित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करूंगा। मैं अपने जीवन में अब तक अपनी किसी भी काम में कभी असफल नहीं हुआ। यहां तक कि बचपन में कंचे खेलने के दिनों से, मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी।’

जनार्दन रेड्डी ने कहा

रेड्डी ने कहा, ‘मैंने गंगावती में एक घर बनाया है और वहां मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा।’ करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कई शर्तें लगाई थीं, जिसमें उनके कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर तथा कडप्पा में जाने पर रोक शामिल है।

जनार्दन रेड्डी लगभग 12 सालों से राजनीति से बाहर हैं

बता दें कि रेड्डी लगभग 12 सालों से राजनीति से बाहर हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र में अपने करीबी दोस्त व अब के मंत्री बी श्रीरामुलु के लिए प्रचार किया था, तभी उन्हें खनन घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले, तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है। चूंकि रेड्डी को उनके गृह जिले बल्लारी से चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है, इसलिए वह गंगावती से चुनाव लड़ेंगे। करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर बाहर है और शीर्ष अदालत ने उनपर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं।

अमित शाह ने कहा था भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं

2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है। जनार्दन रेड्डी ने कहा, ‘मैंने गंगावती में एक घर बनाया है और वहां मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा।’

 

 

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