साल 2021 शुरू होते ही महंगाई भी आम आदमी को जोर का झटका देने के लिए तैयार है. दरअसल बता दें कि ऑटो उद्योग के बाद इसी साल की तिमाही में होम अप्लायंसेस सेगमेंट की कीमतों में भी उछाल आने वाला है. फिलहाल खबर हैं कि टेलीविज़न सेट की कीमतें इस तिमाही में तेज़ी से बढ़ने वाली हैं.
वहीं इस संबंध मं इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर और विशेषज्ञों के अनुसार, एकीकृत सर्किट की वैश्विक कमी और अन्य कच्चे माल की कीमतों में सामान्य वृद्धि के बीच ओपन-सेल डिस्प्ले पैनल की लागत में काफी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि उद्योग के पास ग्राहकों पर बोझ डालने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.
वहीं इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) के एसोसिएट रिसर्च मैनेजर, क्लाइंट डिवाइस, जयपाल सिंह के मुताबिक, 32 इंच के टीवी पैनल की कीमतें कुछ महीने पहले 33-35 डॉलर से बढ़कर 60-65 डॉलर हो गई हैं. “भले ही वेंडर्स भुगतान करने के लिए तैयार हैं, फिर भी उन्हें समय पर इन्वेंट्री नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि अधिकांश वेडर्स ने पैनल की स्पलाई के लिए काफी स्ट्रगल किया है.”
Xiaomi, Samsung और OnePlus जैसे ब्रांड्स ने भारत में पहले ही अपने टीवी की कीमतों में 10-15% की बढ़ोतरी कर दी है. वहीं Xiaomi इंडिया के लिए Mi टीवी बिजनेस के प्रमुख ऐश्वर नीलकांतन का कहना है कि “वैश्विक बाजार वर्तमान में इनपुट की लागत में वृद्धि देख रहा है. ओपन-सेल पैनल दुनिया भर में टीवी निर्माताओं द्वारा उपयोग किया जाता है, और इसी की वजह से ओवरऑल टीवी कीमतों में वृद्धि हुई है. नए बदलावों के बावजूद, हमारा मानना है कि यह भारत में स्मार्ट टीवी मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए नए रास्ते खोलेगा.”
वहीं एक और टेलीविज़न ब्रांड के संस्थापक का कहना है कि सप्लाई की चिंता अमेरिका और चीन और चीन और भारत के बीच राजनीतिक तनाव का परिणाम है. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अमेरिका का अधिकांश आईसी (इंटीग्रेटेड सर्किट) पर कंट्रोल है, इसलिए वे चीन के लिए सभी प्रकार की परेशानियों का कारण बन रहे हैं. बदले में, चीन ज्यादातर ओपन-सेल मैन्यूफैक्चरिंग को कंट्रोल कर रहा है, और वे सभी के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं. “
गौरतलब है कि अन्य इनपुट लागतों में वृद्धि, खास तौर पर माल ढुलाई शुल्क, और तांबे और एल्यूमीनियम जैसे कच्चे माल ने भी मैन्युफैक्चरर पर कीमत के निर्धारण करने में दबाव बनाया है. भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल स्टोर विजय सेल्स के निदेशक नीलेश गुप्ता के मुताबिक चीन और भारत के बीच लागत में तीन से चार गुना का उछाल आया है.
वहीं उद्योग विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि टीवी कीमतें बढ़ने से इस क्षेत्र में मांग घट सकती हैं, जबकि टीवी सेट्स की डिमांग में पिछले साल हेल्दी ग्रोथ देखी गई थी.