कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के पहले लहर के चलते मार्च 2020 में देश में लॉकडाउन लगाया गया. इस देश में लॉकडाउन (nationwide lockdown) के चलता पूरी अर्थव्यवस्था के इंजन का चक्का जाम हो गया. फैक्टरियां बंद हो गई जिसके चलते भारी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के पहले लहर के दौरान कितने लोग बेरोजगार हुए इसका आंकड़ा सामने आया है. सरकार का कहना है कि उस दौरान नौ सेक्टर्स और 66 अन्य प्रतिष्ठानों मे करीब 23 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी.
राज्यसभा सांसद डॉक्टर शांतनु सेन के सवाल के जवाब में श्रम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि 25 मार्च, 2020 से पहले किए गए सर्वे के मुताबिक विभिन्न कंपनियों में 3.07 करोड़ वर्कर्स रजिस्टर्ड थे. लेकिन एक जुलाई, 2020 को यह संख्या घटकर 2.84 करोड़ रह गई. इस दौरान पुरुष कामगारों की संख्या 2.17 करोड़ से घटकर 2.01 करोड़ और महिला कामगारों की संख्या 90 लाख से कम होकर 83 लाख रह गई. सरकार के सर्वे में शामिल नौ सेक्टर्स में मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, एजुकेशन, हेल्थ, अकोमोडेशन और रेस्टोरेंट्स, आईटी/बीपीओ और फाइनेंशियल सर्विसेज शामिल हैं.
सरकार ने जो आंकड़ा पेश किया है उसके मुताबिक सबसे ज्यादा लोगों ने मैन्युफैकचरिंग सेक्टर में रोजगार गंवाया है. 25 मार्च 2020 से पहले मैन्युफैकचरिंग सेक्टर में 98.7 लाख पुरिष कामगार रोजगार में लगे थे जिनकी संख्या 1 जुलाई 2020 को घटकर 87.9 लाख रह गई. यानि 10.8 लाख पुरुष कामगार जो मैन्युफैकचरिंग सेक्टर में लगे थे उन्हें रोजगार के हाथ गंवाना पड़ा. वहीं 25 मार्च 2020 को 26.7 लाख महिला कामगार मैन्युफैकचरिंग सेक्टर में रोजगार में लगी थी जिनकी संख्या एक जुलाई 2020 को घटकर 23.3 लाख रह गई. यानि 3.4 लाख महिला कामगारों को मैन्युफैकचरिंग सेक्टर में रोजगार से हाथ गंवाना पड़ा.
लेबर ब्यूरो को तिमाही रोजगार सर्वे करने का काम सौंपा गया था. अप्रैल से जून 2021 के बीच जो रोजगार को लेकर सर्वे किया गया उस दौरान 9 सेक्टर्स में कोरोना महामारी के रोजगार पर असर पड़ा था उसका भी अध्ययन किया था जिसके चलते ये आंकड़े सामने आया है.
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