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कही-सुनी (24APRIL-22): छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता मझधार में

samvet srijan

(रवि भोई की कलम से)


कहते हैं छत्तीसगढ़ में भाजपा के बड़े नेता असमंजस में हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले कई बड़े नेताओं की टिकट कटने और बड़े उलटफेर की ख़बरों के बीच न तो ठीक से सरकार से लड़ रहे हैं और न ही संगठन में मजबूती दिखा पा रहे हैं। खैरागढ़ उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद तो पार्टी में अफवाहों का बाजार ज्यादा गर्म हो गया है।

कहा जा रहा है कि पार्टी के 15 साल तक सत्ता में रहते दुबके पड़े लोग भी बड़े नेताओं को आँख दिखाने वाले लगे हैं और वे खून का घूंट पीने को मजबूर हैं। 2018 के चुनाव में 15 सीटों पर सिमटी भाजपा पिछले साढ़े तीन साल में एक सीट गवां दी, वहीँ स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव में भी कोई तीर नहीं मार सकी है। कहा जा रहा है कि हाईकमान ने जल्दी छत्तीसगढ़ में सर्जरी नहीं किया या स्थिति स्पष्ट नहीं की तो पार्टी की यहां और दुर्दशा होने वाली है। वैसे हाईकमान केंद्रीय मंत्रियों को छत्तीसगढ़ भेजकर पार्टी की स्थिति पता लगाने का अभियान और केंद्र की योजनाओं का राजनीतिक लाभ उठाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है।

कांग्रेस के नए विधायकों को खतरा

कहा जा रहा है कि पहली बार चुने गए कांग्रेस के कई विधायकों की जमीन कोई ख़ास मजबूत नहीं है। चर्चा है कि कांग्रेस के पुराने विधायक मंझे हुए राजनीतिक खिलाडी बन गए हैं, फिर वे विपक्ष में रहने का भी स्वाद जान चुके हैं, इस कारण वे परिस्थिति के अनुरूप ढल रहे हैं, पर पहली बार वाले विधायक ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। कहा जा रहा है कहीं नए विधायकों के रिश्तेदार पार्टी के लिए गड्ढा खोद रहे हैं तो कहीं विधायक ही लाइन से भटकते दिख रहे हैं।

चर्चा चल पड़ी है कि पहली बार के विधायकों की छंटनी नहीं हुई तो 2023 के चुनाव में कांग्रेस को लेने के देने पड़ सकते हैं। लोग इसे रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक के बेटे की गुंडागर्दी से जोड़कर देख रहे हैं। प्रकाश नायक के पिता डॉ. शक्रजीत नायक बड़े शालीन व विद्वान राजनेता माने जाते थे । वे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए थे और जोगी राज में मंत्री बने थे।

अमेरिका से जिला भाजपा का संचालन

कहते हैं दुर्ग शहर जिला भाजपा अमेरिका से चल रहा है। दुर्ग शहर जिला भाजपा के अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार तमेर करीब एक साल से अमेरिका में हैं। कहते हैं उनकी बेटियां अमेरिका में रहतीं हैं। वे उनके पास रहने चले गए हैं। एक साल से देश में न होने के बाद भी पार्टी ने उन्हें जिला अध्यक्ष के पद से नहीं हटाया है और न ही डॉ तमेर ने पद छोड़ा है। दुर्ग के महापौर रहे डॉ. शिवकुमार तमेर मूलतः मुंगेली के रहने वाले हैं और खाटी संघी हैं। इनका पूरा परिवार आरएसएस से जुड़ा है।

दुर्ग भाजपा में गुटीय राजनीति की अपनी कहानी है। सांसद और पूर्व सांसद में छत्तीस का आंकड़ा होने के कारण भाजपा के नेता बर्रे की छत पर हाथ नहीं डालना चाहते हैं। इस कारण डॉ. शिवकुमार तमेर के खड़ाऊ से दुर्ग शहर जिला भाजपा चल रहा है।

सीएसपी ने पुलिस की सांसें अटकाई

कहते हैं 22 अप्रैल को दुर्ग जिले में तैनात एक सीएसपी सरकारी मोबाइल और वायरलेस छोड़कर अचानक लापता हो गए। 22 अप्रैल को ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दुर्ग दौरा था। नक्सल प्रभावित राज्य में राज्य पुलिस सेवा के एक जिम्मेदार अफसर के अचानक लापता होने से पुलिस के आला अफसरों का चिंतित होना लाजमी था। तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे और वीवीआईपी ड्यूटी छोड़कर कुछ लोग सीएसपी की खोजबीन में जुटे। कहा जा रहा है कि आखिरकार सीएसपी साहब दिल्ली में ट्रेस हुए , तब पुलिस की जान में जान आई। चर्चा है कि पारिवारिक कलह के चलते साहब घर -जिला छोड़ गए थे।

गृहमंत्री का नया तेवर

कहते हैं पिछले दिनों उद्योगपतियों की एक बैठक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू स्थानीय लोगों को उद्योगों में नौकरी नहीं देने पर खफा हो गए। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए सुझाव देने के वास्ते आयोजित बैठक में गृहमंत्री के रुख से उद्योगपति सकते में आ गए। कहते हैं 21 अप्रैल को भारतमाला परियोजना के तहत दुर्ग जिले में भू -अर्जन के मुआवजे में पक्षपात को लेकर भी ताम्रध्वज साहू ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सामने खरी-खरी बात रख दी। लोग अब इसे गृह, लोक निर्माण और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू का नया तेवर बता रहे हैं।

काश सबके लिए पुलिस ऐसी हो ?

कहते हैं रायगढ़ के कांग्रेस विधायक प्रकाश नायक के बेटे द्वारा किए मारपीट मामले में पुलिस ने आत्मसमर्पण के अगले ही दिन अदालत में चालान पेश कर दिया। कहा जाता है 16 अप्रैल की घटना के बाद 19 अप्रैल को विधायक के बेटे ने आत्मसमर्पण किया और पुलिस ने 20 अप्रैल को अदालत में चालान पेश कर दिया। लोग कह रहे हैं इतनी फुर्ती पुलिस आम लोगों के मामले में भी दिखाती तो न्याय मिलने में देरी न होती। खबर है कि विधायक के बेटे ने आम लोगों के साथ एक कांस्टेबल की भी पिटाई कर दी थी। कांस्टेबल अनुसूचित जनजाति वर्ग का है।

सीएम दौरे के बाद प्रशासनिक सर्जरी

कहते हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रदेश व्यापी विधानसभा स्तरीय दौरा के बाद बड़े स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी होगी। कमिश्नर -आईजी और कलेक्टर-एसपी के परफॉर्मेंस का आंकलन करने के साथ दो साल का फार्मूला फिट किए जाने की भी खबर है।

वैसे कहा जा रहा है कि शासन स्तर पर कई कलेक्टर-एसपी को बदलने की योजना बना ली गई। यह बदलाव 2023 के विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए होगा। विधानसभा स्तरीय दौरे में मुख्यमंत्री फील्ड की रिपोर्ट ले लेंगे। इसके बाद उस पर मुहर लग जाएगी। मुख्यमंत्री मई के पहले हफ्ते से लेकर जून के दूसरे हफ्ते तक दौरा करेंगे।


(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

(डिस्क्लेमर – कुछ न्यूज पोर्टल इस कालम का इस्तेमाल कर रहे हैं। सभी से आग्रह है कि तथ्यों से छेड़छाड़ न करें। कोई न्यूज पोर्टल कोई बदलाव करता है, तो लेखक उसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। )


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