देश के नए उप राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने के बाद अल्वा ने कहा कि मैं किसी से डरती नहीं हूं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा का मुकाबला NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से है। वहीं एक दिन पहले जगदीप धनखड़ ने नामांकन दाखिल किया था।
जब अल्वा ने नामांकन पत्र दाखिल किया तब उनके साथ वरिष्ठ विपक्षी नेता भी थे। इनमें कांग्रेस के राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, राकांपा नेता शरद पवार, सीपीएम के सीताराम येचुरी, द्रमुक के तिरुचि शिवा, भाकपा के डी राजा, राजद के मनोज झा, शिवसेना के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, एमडीएमके के वाइको और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन।
मुश्किल लड़ाई है- मार्गरेट अल्वा
नामांकन दाखिल करने के बाद मार्गरेट अल्वा ने कहा कि यह मुश्किल लड़ाई है, लेकिन राजनीति में जीत या हार मुद्दा नहीं है। मुद्दा है लड़ाई में मुकाबला करना। पत्रकार ने जब अल्वा से पूछा कि जगदीप धनखड़ से आपका का मुकाबला है इसको कैसे देखती हैं? इस सवाल के जवाब में अल्वा ने कहा, ‘ कौन सा मुकाबला? पत्रकार ने फिर सवाल पूछा कि आपके सामने एनडीए के जो उम्मीदवार हैं जगदीप धनखड़ उनके साथ मुकाबले को आप कैसे देखती हैं? इस सवाल के जवाब में मार्गरेट अल्वा ने कहा, ‘ उनकी जो कैंपेन है उसका तो मैं मुकाबला करूंगी। मैं तो किसी से डरने वाली नहीं हूं।
अल्वा ने कहा, “जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है उसके लिए हम लड़ते हैं। लोकतंत्र के स्तंभों को बनाए रखने के लिए, अपने संस्थानों को मजबूत करने के लिए, और एक ऐसे भारत के लिए जो ‘सारे जहां से अच्छा’ है, जो हम में से प्रत्येक का है।” अल्वा ने विपक्ष के नेताओं को उनके प्रति विश्वास के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में नामित होना एक विशेषाधिकार और सम्मान की बात है।
यह नामांकन निडर चैंपियन के रूप में है
मार्गरेट अल्वा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह नामांकन संयुक्त विपक्ष द्वारा, संसद के दोनों सदनों के सदस्य, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, यूनाइटेड में भारत के एक गौरवशाली प्रतिनिधि के रूप में सार्वजनिक जीवन में बिताए गए 50 वर्षों की स्वीकृति है। राष्ट्रों और अन्य वैश्विक प्लेटफार्मों पर, और हमारे महान राष्ट्र की लंबाई और चौड़ाई में महिलाओं के अधिकारों, वंचितों और हाशिए के समूहों और समुदायों के अधिकारों के एक निडर चैंपियन के रूप में भी है’।
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