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अल-कायदा प्रमुख अल-जवाहिरी अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया: जो बाइडन

अमेरिका ने खतरनाक आतंकी संगठन अल कायदा के सरगना अल-जवाहिरी को काबुल में हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए मार गिराया। इसको लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि रविवार को मेरे आदेश पर काबुल में एयरस्ट्राइक कल अल-जवाहिरी को मार दिया है। अब न्याय मिला है. USA ने एक सीक्रेट ऑफरेशन में अल-कायदा जवाहिरी को रविवार सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार गिराया। अल-कायदा चीफ को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सीआईए की तरफ से किए गए ड्रोन हमले में ढेर किया गया। हालांकि, इसके बाद तालिबान भड़क उठा और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया। आइये जानते हैं कि आखिर जिस मिसाइल से अल-जवाहिरी को ढेर किया गया, ये मिसाइल से बिना किसी धमाके के कैसे दुश्मन के टारगेट को निशाना बनाता है।

मिसाइल की खासियत

अमेरिका की इस आर9एक्स मिसाइल में चाकू जैसे 6 ब्लेड्स निकलते और यह ब्लेड्स टारगेट करने से पहले बाहर निकल जाते हैं। मिसाइल के ब्लेड इतने खतरनाक होते कि बिल्डिंग और कार की छत को भी काट सकते हैं। मिसाइल का निशाना इतनी सटीक होता कि इससे दूसरे लोगों की नुकसान की संभावना कम रहती है।

इस मिसाइल का इस्तेमाल कब और क्यों अमेरिका करता है? 

साल 2019 में आई द वॉल स्ट्रीट जनरल की एक रिपोर्ट  के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने इससे आतंकवादी सरगनाओं को मारने के लिए डिजाइन किया था। यह मिसाइल ऐसे बनाई गई कि जिससे कि दूसरे नागरिकों को नुकसान न हो। इसके मोडिफाइड वर्जन को हेलफायर मिसाइल के नाम से भी जाना जाता है।

इस मिसाइल को खासतौर पर यूएसए ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईराक, सीरिया, सोमालिया, यमन आदि जैसे देशों में आतंकवादी लोगों को मारने के लिए बनाया था। इसे बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान बनाया गया था। कई आतंकवादी मिसाइल से बचने और इसकी पहुंच से बाहर होने के लिए औरत, बच्चे और आम नागरिकों को अपना सुरक्षा कवच बना लेते य़ा फिऱ छुप जाते थे। ऐसे में इन पर इस मिसाइल से हमला करने में आसानी होगी।

 

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