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एक दिन में किसानों ने स्वप्रेरणा से किया गोठानों में 520 क्विंटल पैरादान

० पैरादान महादान से जुड़ रहे ग्रामीण किसान

जांजगीर-चांपा। धान की फसल की कटाई होने के बाद खेतों में पड़े पैरा को किसानों द्वारा एकत्रित कर उसे गायों के लिए गोठान में पहुंचाने का नेककाम किया जा रहा है। किसान यह कार्य गोठानों में स्वप्रेरित होकर कर रहे हैं। इससे गोठान में गायों के लिए भरपूर साल भर पैरा मिलता रहेगा। 21 से 23 नवम्बर तक आयोजित बैठक में जानकारी मिलने के बाद किसान पैरादान करने का संकल्प ले रहे है और संकल्प के साथ ही एक ही दिन में 520 क्विंटल पैरादान विभिन्न गोठानों में करते हुए गायों को साल भर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं।
जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन एवं जिपं सीईओ डॉ ज्योति पटेल के मार्गदर्शन में 21 से 23 नवम्बर तक गोठान में समिति एवं ग्रामीणों, किसानों, महिलाओं के साथ ही विभागीय अमले के साथ बैठक का आयोजन किया जा रहा है। जिपं सीईओ ने किसानों से अपील की है कि धान की फसल की कटाई होने के बाद पैरा जलाएं नहीं और न ही उसे खेतों में पड़ा-पड़ा खराब होने दें, दोनों ही स्थिति में नुकसान गायों के लिए मिलने वाले पैरा का होता है। ऐसे में अगर किसान गायों के खाने के लिए पैरादान कर दें तो इससे दो फायदे होंगे, एक तो पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा दूसरा गोठान में गायों को साल भर के लिए पैरा खाने के लिए मिल जाएगा। उन्होंने किसानों, ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों, महिला स्व सहायता समूहों से अपील की है कि वे स्वप्रेरिणा से गोठानों में पैरादान कर महादान का हिस्सा बनें।
सुरक्षित मचान बनाकर रखें पैरा
जिपं सीईओ ने जनपद पंचायत सीईओ, गोठान प्रबंधन समिति से गोठान में गायों के लिए किये जा रहे पैरादान को सुव्यवस्थित तरीके से रखने कहा है। उन्होंने कहा कि पैरादान को संरक्षित करने के लिए अस्थायी मचान बनाकर और बारिश से बचाने के लिए पॉलीथिन कवर से ढका जाए।
नवागढ़ में सर्वाधिक पैरादान
जांजगीर-चांपा की पांच जनपद पंचायत में नवागढ़ विकासखण्ड में सर्वाधिक पैरादान किया गया। नवागढ़ में 180 क्विंटल पैरादान किसानों के द्वारा किया गया। इसी प्रकार पामगढ़ विकासखण्ड में 170 क्विंटल, बम्हनीडीह में 150 क्विंटल, अकलतरा में 15 क्विंटल एवं बलौदा में 5 क्विंटल पैरादान ग्रामीणों के द्वारा किया गया।

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