वैज्ञानिकों का कहना है जो लोग ज्यादा देर तक बैठते हैं, उन्हें खड़े रहने वालों के मुकाबले दिल की बीमारी का दोगुना खतरा होता है. उन्होंने ड्राइवर, कंडक्टर और गार्ड के बीच तुलना करने के बाद नतीजा निकाला. हालांकि, उन लोगों की डाइट और जीवनशैली समान थी, मगर फिर भी उनके बैठने के अंतराल से बड़ा फर्क उजागर हुआ.
उनका कहना है कि अगर आप बहुत ज्यादा बैठते हैं, तो आपका ब्रेन डिमेंशिया पीड़ित जैसा दिख सकता है. बैठने से दिल की बीमारी, डायबिटीज, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रोल का खतरा भी उठता है, जो सभी स्थिति में भूमिका निभाते हैं. दिन भर चलना व्यायाम से भी ज्यादा इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम करने में मददगार हो सकता है. बहुत ज्यादा बैठने के प्रभाव का व्यायाम के साथ सामना करना मुश्किल है. अगर आप एक सप्ताह में 7 घंटे व्यायाम करते हैं, तो एक समय में 7 घंटे बैठने के प्रभाव को रिवर्स नहीं कर सकते.
ऐसा कम कैलोरी जलाने की वजह से नहीं होता है, बल्कि वास्तव में ये बैठने से जाहिर होता है. अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि बैठने से उस तरह बदलाव आ सकता है जिस तरह से आपका शरीर इंसुलिन, हार्मोन पर प्रतिक्रिया करता है जो उसे ऊर्जा के लिए शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स जलाने में मदद करता है. बैठने की पोजिशन से आपके पीठ की मांसपेशियों, गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. लगातार बैठे रहने के नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए आप काम के दौरान हर आधे घंटे पर खड़े हो जाएं. अपने पांव की उंगलियों को छूएं. दफ्तर के आसपास थोड़ा टहल लें. अपने दिन में और अधिक गतिशील रहें.