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तेंदूपत्ता ट्रांसपोटिंग की राशि अटकी, पूर्व मंत्री गागड़ा ने ठेकेदार और विभाग पर लगाया सांठगांठ का आरोप

० वाहन मालिक सालभर से काट रहे विभाग के चक्कर

बीजापुर। बस्तर का हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता की ढुलाई कार्य में लगे वाहनों की राशि सालभर से नहीं मिल सकी हैं। पैसे के लिए वाहन मालिक एक साल से बैंक व ठेकेदार के चक्कर काट कर थक गए हैं। लेकिन उन्हें अब तक राशि नहीं मिली हैं।

बीजापुर के पूर्व विधायक व प्रदेश के पूर्व वनमंत्री महेश गागड़ा ने इस मामले में एक बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं। उन्होंने तेंदूपत्ता ट्रांसपोटिंग की राशि वन विभाग और ठेकेदार द्वारा सांठगांठ कर डकार लिए जाने का आरोप लगाया हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि बस्तर के तेंदूपत्ता से बाहर के ठेकेदार मालामाल हो रहे हैं। जबकि इसी काम मे लगे स्थानीय वाहन के मालिकों को सालभर से पैसों के लिए बैंक से लेकर वनविभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। ठेकेदार वाहन मालिकों को चेक देकर चला गया।

एक साल बीतने को है लेकिन लाखों रुपये की राशि नहीं मिल सके हैं। जबकि तेंदूपत्ता का अब दूसरा सीजन शुरू होने वाला हैं। गागड़ा ने विभाग व ठेकेदार पर मिलीभगत कर राशि हड़पने का आरोप लगाया हैं। गागड़ा ने कहा कि भैरमगढ़ ब्लाक के दर्जनों वाहन मालिक हैं जिनका तेंदूपत्ता ट्रांसपोटिंग का 2 से 3 लाख रुपये अब तक नहीं मिल सका हैं। उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने जो चेक वाहन मालिकों को दिया है। उसमें बेलेंस नहीं हैं। वाहन मालिकों ने कर्ज लेकर वाहन लिए हैं। अब राशि नहीं मिलने से कर्जदार हो गए हैं। गागड़ा ने वन विभाग से मांग कि है कि जल्द ही वे इस विषय को संज्ञान में लेकर वाहन मालिकों को राशि दिलवाए।

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