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जानिए बंगाल के चुनावी रण में अमित शाह, जेपी नड्डा समेत किन-किन बड़े नेताओं पर हुए हमले

पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में कल चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गंभीर रूप से घाटल हो गईं. फिलहाल कोलकाता के SSKM अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक, ममता के बाएं पैर के टखने में गंभीर चोट लगी, हालांकि कोई फ्रैक्चर नहीं है. एहतियातन इन्हें 48 घंटे के मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखने का फैसला लिया है. ममता के पैर में टेम्पररी प्लास्टर किया गया है. ये पहला मौका नहीं है जब बंगाल में किसी बड़े नेता पर हमला हुआ हो. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई बड़े नेताओं पर हमले हो चुके हैं.

पिछले महीने मुर्शिदाबाद के निमटीटा रेलवे स्टेशन पर ममता सरकार में मंत्री जाकिर हुसैन पर बम से जानलेवा हमला किया गया. इस हमले में जाकिर के अलावा जंगीपुरा से विधायक समेत 13 लोग भी घायल हुए थे. इस हमले की वीडियो भी सामने आई थी. फिलहाल जाकिर हुसैन का इलाज चल रहा है.

साल 2019 में कोलकाता गए अमित शाह के रोड शो के दौरान बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं की भिड़ंत हो गई थी. इस दौरान अमित शाह बाल-बाल बच गए थे. आलम यह था कि भिडंत के दौरान ईश्वरचंद विद्यासागर की प्रतिमा भी खंडित हो गई थी. अमित शाह प्रतिमा का अनावरण करने गए थे.

पिछले साल दिसंबर में बंगाल दौरे पर गए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बड़ा हमला किया गया. हमला इतना जबरदस्त था कि जेपी नड्डा की गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे. इस दौरान टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने नड्डा को काले झंडे दिखाए और वापस जाओ के नारे भी लगाए. इस हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट भी तलब की थी और कई अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था.

पिछले साल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बंगाल प्रभारी कैलाश विजय वर्गीय की गाड़ी पर डायमंड हार्बर में प्रदर्शनकारियों ने पत्थर मारे. पत्थरबाजी की इस घटना में विजयवर्गीय और उनके स्टाफ ने मुश्किल से खुद को बचाया. विजयवर्गीय की गाड़ी पर पत्थर तब फेंके गए जब वे दक्षिण 24 परगना जा रहे थे. इसके साथ ही प्रदर्शकारियों ने उस रास्ते को भी बंद करने की कोशिश की जिससे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का काफिला गुजर रहा था.

बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष पर कई बार हमले हुए. कभी उनके खाफिले पर हमले हुए तो कभी उन्हें काले झंडे दिखाए गए. पिछले महीने ही उत्तरी चौबीस परगना में बीजेपी की परिवर्तन रैली में हमला हुआ. इस रैली में सांसद अर्जुन सिंह और दिलीप घोष मौजूद थे. बीजेपी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने रैली पर देसी बम से हमले किए थे.

साल 2019 के सितंबर महीने में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो के साथ कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय में धक्का-मुक्की और बदसलूकी हुई. उनपर किया गया हमला इतना जबरदस्त था कि उनके कपड़े भी फांड़ दिए गए. इस घटना के बाद बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए थे.

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