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सेहतमंद जिंदगी के लिए नींद है जरूरी, जानिए रात को जल्दी सोना क्यों है जरूरी

क्या आपको पता है हम अपनी जिंदगी का एक तिहाई सोने में बिताते हैं? ये हमारी रोजाना की रूटीन के हिस्से को बहुत महत्वपूर्ण बनाता है. लेकिन जीवनशैली के फैक्टर जैसे काम का अनिश्चित समय, शारीरिक गतिविधि की कमी, कैफीन का सेवन और सूरज की रोशनी का अभाव अच्छी नींद को खराब कर सकते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं.

नींद की कमी का असर दिमागी सेहत पर भी पड़ता है और उसके लक्षणों में चिड़चिड़ापन, खराब निर्णय, डिप्रेशन, याद्दाश्त की कमी शामिल है. इस तरह, ये अवसर हमें अपनी नींद के शेड्यूल को दोबारा देखने की अहमियत जाहिर करता है. सेहतमंद नींद के बिना हम स्वास्थ्य के ज्यादा फायदे हासिल नहीं कर सकते. रिसर्च से पता चला है कि नींद सीखने और समस्याओं को हल करने की क्षमता सुधारती है.

हम जानते हैं कि रोजाना कम से कम आठ घंटे सोना चाहिए, लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा करने में नाकाम रहते हैं. स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान के पीछे एक फैक्टर देर से जागना भी है. सुबह के समय देर से जागनेवालों को बीमारियों का खतरा रहता है. स्पष्ट है कि ज्यादा लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं और स्वास्थ्य और नींद के बीच संबंध को समझते हैं. नींद जागरुकता महीना पर हमें जानना चाहिए बीमारियों को भगाने के लिए जल्दी सोना क्यों जरूरी है.

ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च से खुलासा हुआ कि पर्याप्त नींद नहीं लेनेवाले लोगों को वजन बढ़ने या मोटापा का खतरा ज्यादा होता है. रिसर्च के मुताबिक, शरीर की अंदरुनी घड़ी शाम में 8 बजे के बाद गैर सेहतमंद फूड्स जैसे नमकीन, मीठा को पसंद करती है. आसान शब्दों में कहा जाए तो जितना आप कम सोएंगे, आप उतना ही ज्यादा गैर सेहतमंद भोजन खाएंगे.

स्लीप रिसर्च सोसायटी के मुताबिक, सुबह के 4 बजे तक जागनेवाले लोग 550 कैलोरी ज्यादा खाते हैं. रिसर्च के नतीजों से पता चलता है कि जो लोग पर्याप्त नींद ले पाने में नाकाम रहते हैं, उनको निराशावादी विचार आने लगते हैं. इसमें कोई शक नहीं कि अच्छी तरह से विश्राम किया दिमाग आपको स्थिति का बेहतर तरीके से मुकाबला करने में मदद करता है.

स्वस्थ भोजन खाने और नियमित व्यायाम के अलावा, पुरानी बीमारियों जैसे दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी रोग, डायबिटीज और स्ट्रोक से बचने के लिए पर्याप्त नींद भी जरूरी है. जब आप झपकी लेते हैं, तब आपके शरीर का मरम्मत खुद ब खुद होता है जो इन बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है.

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